नई दिल्ली। दुनिया के 50 बड़े बैंकों श्रेणी में शुमार एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के निजी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अपने प्रमुख को कम वेतन देता है। जानकारी के अनुसार एसबीआई चेयरमैन का वेतन निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के प्रमुख को मिलने वाले वेतन के मुकाबले काफी कम है।
वही अगर बात आंकड़ों के हिसाब से की जाए तो विभिन्न बैंकों की सालाना रिपोर्ट के अनुसार स्टेट बैंक की प्रमुख अरूंधति भट्टाचार्य को वित्तीय वर्ष में 28.96 लाख रुपए वेतन मिला था जबकि दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर की बात करें तो तो उन्हें वित्तीय वर्ष में 2.66 करोड़ रुपए वेतन मिला है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के जरिए कम वेतन का मुद्दा उठाया गया था। पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना था कि कम वेतन के कारण सरकारी बैंकों में उच्च योग्यता रखने वाले लोग नौकरी नहीं कर पाते हैं। उनका कहना था कि शीर्ष स्तर पर नौकरी मिलना भी मुश्किल होता है। उनका कहना था कि सरकारी बैंकों के कर्मचारियों या अधिकारियों में उच्च श्रेणी का टैलंट होता है।
इसके बाद उन्हें अगले कुछ महीनों में उनके प्रदर्शन के लिए 2.2 करोड़ रुपए बोनस के तौर पर भी दिया जाएगा। बात की जाए यस बैंक की तो इस बैंक के एमडी और सीईओ राना कपूर को वित्तीय वर्ष में 6.8 करोड़ रुपए सैलरी के तौर पर मिले हैं। एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी की सैलरी के बारे में बताया जाए तो उन्हें वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपए सैलरी मिली है।