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सैयद शुजा के दावे के बाद विपक्षी दलों की बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग ने पकड़ा जोर

evm सैयद शुजा के दावे के बाद विपक्षी दलों की बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग ने पकड़ा जोर

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को हैक करने का दावा करनेवाले सैयद शुजा का नाम इन दिनों सुर्खियों में है। लंदन में हैकथॉन के दौरान इस कथित साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम के सदस्य थे और भारत में इस्तेमाल हो रही EVM को हैक कर सकते हैं। शुजा ने यह भी दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को खत लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की, जिस पर संसद मार्ग थाने ने FIR दर्ज कर ली। वहीं, विपक्षी दलों की बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ा है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर EVM पर सवाल खड़े करने वाले शुजा कौन हैं और उनका भारत से कैसा कनेक्शन है?

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बता दें कि भारतीय पत्रकार संघ (IJA) यूरोप द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों के अनुसार सैयद शुजा को मार्च 2018 में अमेरिका में शरण मिली थी। IJA ने ही पिछले सोमवार को लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। हालांकि दस्तावेज में नाम सैयद हैदर अहमद है और जन्म की तारीख 4 अप्रैल 1983 लिखी हुई है। IJA के कुछ अन्य दस्तावेजों में शुजा के जन्म की तारीख 4 अप्रैल 1981 लिखी है।दस्तावेज के मुताबिक डलास में यूएस इमिग्रेशन कोर्ट के जरिए 1 मार्च 2018 को अमेरिका के इमिग्रेशन ऐंड नैशनैलिटी ऐक्ट के सेक्शन 208 के तहत शुजा को अनिश्चित काल के लिए शरण दी गई थी। शुजा ने कुछ और कागजात IJA को दिए हैं, जिससे पता चलता है कि वह Win Solutions के पेरोल पर थे और ECIL में पोस्टेड थे। शुजा का दावा है कि उसने कई जगहों पर काम किया और ज्यादातर समय वह ECIL के मुख्यालय सनत नगर (हैदराबाद) में रहे। आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) कंपनी ही चुनाव आयोग के लिए ईवीएम बनाती है।

शुजा ने दस्तावेजों के जरिए आरोप लगाया है कि हैदराबाद के पास उप्पल इलाके में एक गेस्ट हाउस में उसके 11 टीममेट्स की हत्या कर दी गई थी। उसका दावा है कि वह गेस्ट हाउस बीजेपी के विधायक जी. किशन रेड्डी के ब्रदर-इन-लॉ ‘काकी रेड्डी’ का है और वह हत्या के समय वहां मौजूद थे। हालांकि किशन रेड्डी में एक ट्वीट में इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने लिखा, ‘मेरा नाम EVM हैकिंग विवाद में बेवजह उछाला जा रहा है। सभी आरोप मनगढ़ंत और आधारहीन हैं। पूरी कहानी झूठ के आधार पर गढ़ी गई है, जिसे दिल्ली में कांग्रेस के लोगों ने लिखी है, जो नाकाम रहेगी।’ इतना ही नहीं, शुजा का आरोप है कि 17 मई 2014 को उसके घर में आग लगा दी गई थी और उसके पिता यूसुफ अहमद और मां कुदसिया सैयदा मारे गए थे। शुजा के मुताबिक उसके पिता यूसुफ ने 2006 तक BEL के साथ काम किया था।

वहीं, ECIL ने ईवीएम हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा के उस दावे को खारिज कर दिया है कि उसने 2009 से 2014 के बीच कंपनी में काम किया था। ईसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजय चौबे ने उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन को लिखे पत्र में कहा कि कंपनी के पुराने रेकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि 2009 से 2014 के दौरान शुजा कंपनी का न तो नियमित कर्मचारी था और न ही ईवीएम के डिजाइन और डिवेलपमेंट से जुड़े किसी काम में उसकी भूमिका थी। अब लंदन में इवेंट को होस्ट करने वाले संगठन ने भी पूरे विवाद से दूरी बना ली है।

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