नई दिल्ली। सावन का महिना 1जुलाई से यानि की आज से शुरू हो चुका है और इसी के साथ शुरू हो चुके हैं सावन के सोमवार भी… जिनका हिंदू धर्म के रीति रिवाज में काफी महत्वपूर्ण योगदान है। सावन के सोमवार शिव उपासना से कामनासिद्धि के लिए प्रसिद्ध है। सावन का महीना इसलिए भी बेहद खास है क्योकि कहते हैं इस महींने में तीनों लोकों के देवताओं की शक्ति शिवशंकर के हाथों में समा जाती है।
इस महिने में शिव के पूजन से हमें समस्त लोकों के देवताओं का आर्शिर्वाद प्रदान होता है। सभी देवताओं का आर्शिवाद प्राप्त करने के लिए जीव जंतु तक अपने अपने बिलों से बाहर निकलकर इस महिने का पूरा आनंद उठाते है। प्रकृति के साथ झूमते हुए पूरे वातावरण को संगीतमय बना देते है। प्रकृति खुद भी अपनी मौन धारण तोड़ कर सभी के साथ झूमने लगती है। तभी तो सावन के महिने को सभी साल का सबसे खास महिना कहा जाता है।
सावन के महिने में की जाने वाली पूजा एक तरह की प्रकृति की ही पूजा मानी जाती है, क्योंकि भगवान भोलेनाथ को प्रकृति का रूप कहा गया है। इसी कारण यह महिना काफी श्रेष्ठ फल देने वाला महिना कहा जाता है। जिसमें लोग भगवान को अपनी श्रृद्धा भक्ति के भाव को समर्पित करने के लिए व्रत रखते हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार सावन के महिने में सोमवार के दिन व्रत रखना काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। क्योंकि शिव भक्ति में सावन के सोमवार को साल भर रहने वाले सोमवार के व्रतों से अधिक पुण्य देने वाला बताया गया है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इस दिन व्रत रखने से चंद्र ग्रह के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है। जिससे जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करनें को आसानी से दूर किया जा सकता है।
शिव जी से मागों अपनी पसंद का वरदान
सावन के महिनें में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व होता है। क्योंकि सोमवार शिव शंकर जी का प्रिय दिन होता है इसलिए श्रावण मास में सोमवार के दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस महीने प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने से भगवान शिव खुश होकर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते है। इस श्रावण मास में सभी को लघुरूद्र, अतिरूद्र और महारूद्र का पाठ कर प्रत्येक सोमवार का व्रत रखते हुए शिवजी का पूजन करना चाहिए।