मक्का/रियाद। हज के लिए करीब 20 लाख श्रद्धालु सऊदी अरब पहुंच चुके हैं, जो रविवार को अराफात पर्वत की यात्रा के साथ समाप्त हो जाएगी। पिछले साल हज के दौरान मची भगदड़ को देखते हुए इस वर्ष किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं। पिछले तीन दशकों में पहली बार इस बार ईरान ने एक भी हज यात्री नहीं भेजा है। इसके पीछे दोनों देशों के बीच पनपी खटास माना जा रहा है। तेहरान में इसे लेकर हजारों लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया। हालांकि ईरान का कहना है कि पिछले वर्ष हज यात्रा के दौरान मची भगदड़ में उनके 464 नागरिकों की मौत हुई थी।
तेहरान और रियाद के बीच लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा को लेकर हुई बातचीत असफल रहने के बाद ईरान ने यह फैसला लिया। हज इस्लाम में वर्णित पांच स्तंभों में से एक है, जिसे हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार जरूर करना पड़ता है। सुरक्षा उपाय के तहत इस बार नमाज के दौरान काबा तक श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जाएगा और भगदड़ से बचने के लिए फेरे लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। तीर्थयात्रियों से नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। इस दौरान शनिवार को मक्का में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जिससे कई तीर्थयात्री गश खाकर गिर पड़े।
इस बार हज यात्रियों को पहचान पत्र दिए गए हैं। ब्रेसलेट के रूप में तैयार इन पहचान पत्रों में बारकोड अंकित है, जिसे किसी स्मार्टफोन के जरिए पढ़ा जा सकता है। हज एवं उमरा मंत्रालय के उप सचिव ईसा रवास ने बताया कि इस बारकोड में हज यात्री की पहचान से संबंधित सभी जानकारियां अंकित हैं। सऊदी समाचार एजेंसी के मुताबिक, आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल तुर्की ने इस सत्र के पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस बल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मंसूर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 237,583 अवैध तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थलों में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसके साथ ही इस सत्र में लाइसेंस की कमी के कारण 104,784 लोगों को मक्का में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है। संवाददाता सम्मेलन में तीर्थयात्रियों के आवागमन तथा यातायात सुविधा की समीक्षा, सुरक्षा योजना और साथ ही संगठनात्मक योजना के बारे में खुलासा किया गया। इस साल सऊदी अरब के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर हुए बम धमाकों को देखते हुए सुरक्षा के तहत देश तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हज के दौरान आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय लागू करने जा रहा है।