सऊदी अरब ने दो साल पहले जेद्दाह में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास हुए आत्मघाती हमले को लेकर नया खुलासा किया है। सऊदी अरब ने डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि उस आत्मघाती हमले के पीछे भारतीय कागजी फैयाज था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक कागजी लश्कर ए तैयबा का संचालन करता था। एक सीनियर सिक्युरिटी ऑफिसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सऊदी अरब भेजा गया डीएनए सैम्पल, जेद्दा हमलावर के डीएनए से मैच हो गया है। उसका डीएनए प्रोफाइल अगस्त 2017 में सऊदी भेजा गया था। हमलावर का नाम फयाज़ कागज़ी था और वो लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था।
गौरतलब है कि जेद्दाह में 4 जुलाई 2016 को ब्लास्ट हुआ था जिसमें दो सीनियर ऑफिसर्स घायल हुए थे। यह उन तीन ब्लास्ट में से पहला ब्लास्ट था। उस दिन सऊदी अरब में तीन ब्लास्ट हुए थे। दो अन्य कतीफ में शिया मस्जिद के पास और मदीना में मस्जिद के पास ब्लास्ट हुआ था। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने एनआईए स्पेशल कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि आंतकी गतिविधियों में शामिल न कागजी की मौत हो चुकी है।
सऊदी प्रशासन ने शुरुआत में जेद्दाह हमलावर की तस्वीर जारी की और उसे पाकिस्तान निवासी अब्दुल्ला क़लज़र ख़ान बताया। महाराष्ट्र एंटी टेरेरिज्म स्क्वाड (ATS) अधिकारियों ने उस तस्वीर के आधार पर उसकी पहचान बतौर फयाज़ काग़ज़ी के तौर पर की। बाद में एनआईए की मदद से उसकी जानकारी सऊदी तक पहुंचाई गई।
जांच के बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दिल्ली की स्पेशल कोर्ट को बताया कि आतंकी हमलावर मारा जा चुका है। एनआईए को यकीन है कि काग़ज़ी 2010 में जर्मन बेकरी ब्लास्ट और 2012 के जेएम रोड ब्लास्ट का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर थ। इसके अलावा औरंगाबाद के हथियार तस्करी मामले में उसकी तलाश थी। वो 26/11 आतंकी हमले में भी शामिल था। जांचकर्ताओं के मुताबिक, कागज़ी ने मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकियों को हिंदी सिखाई थी. काग़ज़ी, महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला था।