देहरादून। उत्तराखंड में बुद्धिस्ट सर्किट बनाने की हमारी योजना है। जिसके लिए इसी महीने की 26 तारीख को मैराथन बैठक देहरादून में की जाएगी। जिसके बाद बुद्धिस्ट सर्किट से जुड़े क्षेत्रों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। केंद्र से 65 करोड़ की सहायता मिली है जिससे देवभूमि में बुद्धिस्ट सर्किट बनेगा।
प्रदेश में रामायण और महाभारत सर्किट की भी है योजना
रामायण सर्किट की शुरुआत उत्तर प्रदेश के अयोध्या से होती है, लेकिन उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी रामायण से जुड़े क्षेत्र है। ऋषिकेश में ही भरत मंदिर है, जहां पर भगवान राम की खड़ाऊ भरत और शत्रुघ्न लेने आए थे। माता सीता भी उत्तराखंड में ही धरती में समाई थी और वहां वाल्मीकि मंदिर भी है। वही महाभारत सर्किट की सभी महत्वपूर्ण स्थान उत्तराखंड में है, लिहाजा रामायण सर्किट के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड और महाभारत सर्किल के लिए उत्तराखंड में निर्माण करने की योजना है।
स्वदेश दर्शन के तहत होगा विकास:
अल्मोड़ा क्षेत्र में कई धार्मिक पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों के लिए स्वदेश दर्शन के तहत उनका विकास किया जाएगा। देवधूरी, बैजनाथ कटारमल इनमें शामिल है। इन क्षेत्रों के विकास के लिए हमें आरकेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के एनओसी की जरूरत पड़ती है, फिर भी करीब 40% काम किया जा चुका है।
सेंट्रल आईएचएम की हो स्थापना
उत्तराखंड में अभी इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट स्थापित है, लेकिन हम चाहते हैं कि यह केंद्रीय आई एच एम के तौर पर कार्य करें। पूर्व पर्यटन मंत्री जगमोहन जी के कार्यकाल से यह मांग चल रही है। हमारी कोशिश है कि इस मांग पर जल्दी अमल किया जाएगा।