बेंगलुरु। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का सपना चूर-चूर होने के बाद शशिकला ने गुरुवार को सरेंडर कर दिया और इस समय वो बेंगलुरु की परापन्ना जेल में कैद है जहां पर वो अपनी 4 साल की सजा काटेगी। हालांकि सरेंडर करने से पहले शशिकला जे. जयललिता के मेमोरियल पर पहुंची और झुककर उन्हें नमन करते हुए भावुक हो उठी और उसके बाद सीधे प्रत्यर्पण कर दिया।
कैदी नंबर 9435 होगी पहंचान:-
सत्ता हासिल करने का सपना टूटने के बाद शशिकला अब कनार्टक जेल की सलाखों के पीछे कैद है और अब उनकी पहंचान कैदी नंबर 9435 होगी तो वहीं उनके करीबी रिश्तेदार और आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी इलावारसी कैंदी नंबर 9436 में होंगी। जानकारी के मुताबिक शशिकला को जेल में कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा और ना ही उन्हें किसी अलग बैरक में रखा गया है। जेल में वो 2 अन्य महिलाओं के साथ एक साधारण बैरक नंबर 2 में रहेंगी और उन्हें पहनने के लिए 3 साड़ियां दी गई है।
जेल में काम के बाद मिलेंगे 50 रुपए:-
सत्ता का सिंहासन हासिल करने की चाह शशिकला हार चुकी है और अब 4 साल की सजा पूरी करने के चलते उन्हें रोजाना जेल में काम करना होगा जिसमें बाद उन्हें एक दिन की मजदूरी के रुप में 50 रुपए मिलेंगे। खबरों की मानें तो जेल प्रशासन ने उन्हें मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम दिया है। लेकिन उन्हें कोई छुट्टी नहीं मिलेगी यानि कि रविवार के दिन भी उन्हें काम करना होगा।
जेल के बाहर समर्थकों ने की तोड़फोड़:-
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से शशिकला की के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके। पुलिस के मुताबिक शशिकला के सरेंडर करने के दौरान उनके समर्थकों ने सेंट्रल जेल के पास काफी हंगामा किया जिसमें 4 कारें क्षतिग्रस्त भी हुई।