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संस्कृत ज्ञान-विज्ञान एवं संस्कारों की भाषा

संस्कृत ज्ञान-विज्ञान एवं संस्कारों की भाषा

लखनऊ। विश्व की अनेक भाषाओं में संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है। संस्कृत है संस्कारों की भाषा। संस्कृत साहित्य ज्ञान-विज्ञान एवं नैतिक मूल्यों का स्त्रोत है। हम भारतीयों को संस्कृत का ज्ञान होना अति आवश्यक है, ताकि हमारे अस्तित्व की रक्षा हो सके। यह बातें सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल की प्रधानाचार्य डा. अर्चना मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रसार-प्रचार एवं संरक्षण के लिये भारत सरकार ने इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की है।
विश्व संस्कृत दिवस मौके पर सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल विनीत खंड गोमतीनगर लखनऊ के छात्रों व अध्यापकों ने वर्चुअल तरीके से संस्कृत दिवस मनाया। राजधानी में सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल ऐसा एकमात्र स्कूल है जहां एल केजी से कक्षा 08 तक अनिवार्य रूप से संस्कृत भाषा में अध्यापन किया जाता है।

इसके बाद डा. सुधीर तिवारी ने नगरे-नगरे ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृत श्लोक सारगर्भित कथा से श्रीमद्भगवत गीता की सार्थकता व महत्व पर प्रकाश डाला। पूनम मिश्रा ने गीत के माध्यम से मां सरस्वती की आराधना एवं आनंद मोहन अवस्थी ने संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता पर ज्ञानवर्धक तथ्यों को प्रकाशित किया।
डा. सीता मिश्रा ने माधव मोहन संस्कृत गीत प्रस्तुत किया। अनन्य गिरी ने शूरा वयं धीया वयं देशभक्ति संस्कृत गीत के माध्यम से देश के वीर जवानों के प्रति आदर प्रकट किया।

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