नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 21वां दिन है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। किसानों का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लें। जबकि सरकार पहले ही कृषि कानूनों को वापस लेने से इंकार कर चुकी है। किसान आंदोलन में देश के अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसानों ने दिल्ली के चारों ओर डेरा डाल रखा है। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार चाहे तो हजारों की तादाद में प्रदर्शन कर रहे किसानों का यह आंदोलन मिनटों में खत्म हो सकता है। जिसके चलते इसका समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुद सामने आकर हस्तक्षेप करना चाहिए।
राज्यसभा सांसद ने भी दिया ये सुझाव-
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन करनेवाले किसानों का बुधवार को 21वां दिन है। संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि अगर सरकार चाहे तो किसानों के साथ आधा घंटा बैठकर इसे खत्म किया जा सकता है। राज्यसभा सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि पांच मिनट में इसका समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुद सामने आकर हस्तक्षेप करना चाहिए। शिवसेना नेता ने आगे कहा- प्रधानमंत्री खुद दखल देते हैं तो यह 5 मिनट में आंदोलन खत्म हो जाएगा। नरेन्द्र मोदी ऐसे बड़े नेता है जिन्हें हर कोई सुनेगा। आप खुद बातचीत की शुरुआत करें और देखें कि कैसे करिश्मा होता है।
तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान-
गौरतलब है कि सितंबर में संसद की तरफ से पास तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों की संख्या में पंजाब और हरियाणा से किसान दिल्ली के पास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं और इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का यह आरोप है कि इस कानून से उनकी आय में कमी हो जाएगी और ज्यादातर नियंत्रण बड़े उद्योगपतियों के हाथों में चला जाएगा। इसको लेकर किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन किसानों की तरफ से तीनों कानून वापसी लेकर अड़ियल रूख अपनाने के बाद यह गतिरोध बना हुआ है।