हैदराबाद। पद्मावत फिल्म देश के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और लोगों को फिल्म काफी पसंद भी आ रही है, लेकिन इसके बावजूद भी देश में विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इस मुद्दे में हमारे राजनेता घी डालने का काम न करें तो ऐसा हो ही नहीं सकता। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि ये बीजपी की पकौड़ा राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है। ओवैसी ने आक्रमक अंदाज में कहा कि पीएम और उनकी पार्टी ने उन लोगों को सामने विनम्रतापूर्वक सरेंडर कर दिया है, जो देश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएम के पास सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ ही 56 इंच का सीना है क्या?
गौरतलब है कि पद्मावत को लेकर राजनीतिक पार्टियों और हस्तियों में दो फाड़ हो गया है। कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ खुलकर प्रदर्शनकारियों के बचाव में आ गए हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पद्मावत के रिलीज की आलोचना करते हुए कहा है कि किसी भी धर्म या जाति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली फिल्में नहीं बनानी चाहिए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर कोई फिल्म एतिहासिक तथ्य से परे है और किसी धर्म या जाति विशेष के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती हो तो सबसे अच्छा विकल्प यही है कि इसे नहीं बनाया जाए।
वहीं वीके सिंह ने प्रदर्शनकारियों का बचाव करते हुए कहा कि जब चीजें सहमति से नहीं होती है तो वहां गड़बड़ी का होना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतिहास को तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं देती है। जो विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बैठ के इसको सुलझाया जाए। जब चीजें सहमति से नहीं होती हैं तो फिर उसमें गड़बड़ होती है। इस कड़ी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी गंदी राजनीति कर रही है और राष्ट्र को हिंसा की आग के हवाले कर दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा का कोई भी कारण बड़ा नहीं हो सकता है। हिं