गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई मासूम बच्चों की मौत के बाद सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत के बाद सूबे की योगी सरकार विवादों के कटघरे में खड़ी हो रखी है। लेकिन अब सरकार की सहयोगी पार्टी ने भी आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले में अपना नाम लिखा लिया है। दरअसल बीजेपी की सहयोगी पार्टी कही जाने वाली शिवसेना ने मुखपत्र सामना में सूबे की सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर हल्ला बोल किया है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में गोरखपुर हादसे को सामूहिक बालहत्या करार दिया है। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मुखपत्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी आज सरकारी अस्पतालों में गरीबों के ‘अच्छे दिन’ नहीं आने की बात लिखी हुई है। मुखपत्र में योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री पर भी जमकर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि यूपी के मंत्री का कहना है कि अगस्त महीने में बच्चे मरते ही हैं इसके साथ ही आगे सवाल पूछते हुए लिखा गया है कि अगस्त के महीने में सिर्फ गरीबों के बच्चे ही क्यों मरते हैं? क्यों अमीरों के बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता है?
सवाल पूछते हुए मुखपत्र में लिखा गया है कि यह जो कुछ भी हुआ है आखिर उसका जिम्मेदार कौन है? मुखपत्र में लिखा गया है कि इस वक्त गरीबों का दुख और उनकी मन की बात पर ध्यान देने के बजाए उनकी वेदनाओं का मजाक बनाया जा रहा है। बच्चों की मौत को मुखपत्र में ‘बाल हत्या तांडव’ बताया गया है और इसे स्वतंत्रता दिवस का अपमान बताया गया है। गोरखपुर में बीते सात दिनों में 70 बच्चों की हत्या को ‘सामूहिक बालहत्या’ और इसे गरीबों की किस्मत खराब होना बताया गया है।