नई दिल्ली। मुगलसराय स्टेशन का नाम बदले जाने के बाद आज संसद के उच्च सदन में विपक्ष दल समाजवादी पार्टी ने सूबे में मौजूदा योगी सरकार के साथ केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार लगातार सारे पुराने शहरों और जगहों के नाम बदलते जा रही है। इस बात पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इस मुद्दे को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने उठाते हुए मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पं दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने पर आपत्ति जताई है।
संसद का मानसून सत्र में विपक्ष के इस सवाल पर सरकार की ओर से जबाव देते हुए केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष को मुगलों के नाम पर नहीं, दयाल जी के नाम पर आपत्ति है। चूंकि विवाद उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा पर लगा सबसे पुराना रेलवे मुगलसराय का नाम अब सूबे की योगी सरकार बदलना चाह रही है। इस बावत उसने केन्द्र सरकार से एक सिफारिश भी की थी। जिस पर केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही इस स्टेशन को नये नाम से बुलाया जायेगा। इसका नया नाम भाजपा के संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर होगा।
लेकिन अगर किसी गांव शहर या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना हो तो सरकार केन्द्र सरकार से मंजूरी लेनी होती है।सूबे की योगी सरकार ने इसी बावत केन्द्र सरकार के पास एक अनुरोध पत्र भेजा था। जिस पर अब केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बावत मिले पत्र पर गृहमंत्रालय ने जून में ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने को लेकर मंजूरी दे दी थी। इसके बाद जुलाई में सूबे की योगी सरकार ने एनओसी के लिए इसे केन्द्र सरकार को भेजा था। जिसकी अब मंजूरी मिल गई है।