लखनऊ। सुबह से चल रहे प्रदेश में ताजा घटनाक्रम में समर्थकों के भारी हुजूम के बीच जब सुबह अखिलेश ने भावुक अंदाज में अपनी बात रखी तो मौजूद लोगों ने अखिलेश को सराहा। लेकिन वही अखिलेश के बाद पलटवार अंदाज में शिवपाल ने जबाब देते हुए पहले अपने संघर्षों का कहानी बयां की फिर अखिलेश पर निशाना साधा। फिर मुलायम ने भी मंच संभालते हुए पहले संघर्षों और आदर्शों की अखिलेश को नसीहत दी । इसके बाद लगातार झाड़ पर झाड़ लगाते हुए जमकर लताड़ लगाई। वहीं बेटे पर सितम और भाई दोस्त पर रहम का मलहम लगाते हुए नेता जी ने गले शिकवे भूल अखिलेश को चाचा के गले लगने को कहा।
लेकिन ये भरत मिलाप ना था, ये तो चाचा और भतीजे का मिलन था जहां दिल तो मिले ही नहीं थे। इसके बाद जो हुआ इसकी अपेक्षा तो खुद सपा सुप्रीमो ने भी नहीं की होगी। मंच पर ही पहले धक्का-मुक्की हुई एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगे। फिर सब पार्टी कार्यालय से चले गये। पार्टी कार्यालय के बाहर मौजूद समर्थक आपस में जूझते रहे।
उधर नेताजी के आवास पर आनन-फानन में मीटिंग हुई । सभी वरिष्ठों की फिर गहमागहमी बढ़ी शिवपाल और सीएम अखिलेश भी शामिल हुए। एक बार फिर समझौते की कोशिशों का दौर चला। नेताजी ने हंगामें पर नाराजगी जताई। और हंगामा करने वालों को दंण्डित करने की बात कही। फिर अचानक की सूत्रों के हवाले से खबर आई किसी बात पर नेताजी और अखिलेश में बहस हुई अखिलेश आवास के बाहर निकले और चले गये । फिर शिवापल भी रवाना हुए । बीते 48 घंटों के दौरान समाजवादी पार्टी जिस दौर और हालात से गुजर रही है । फिलहाल उसका इन सबसे निकला कब तक मुमकिन हो पाता है। लेकिन आज के झगड़े से ये साफ हो गया कि बिखराव एक होने में अभी कोई किरण नहीं दिख रही।