गुरुवार को काला हिरण मामले में बॉलीवुड के टाइगर सलमान खान को जौधपुर कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है। वहीं उनके बाकी आरोपियों सैफ अली खान, नीलम, सोनाली बेंद्रे और तब्बू को मामले में बरी कर दिया गया है। जिस पर सलमान के फैंस ही नहीं बल्कि बिश्नोई समाज भी खासा गुस्से में है। वहीं इस मामले में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सलमान खान अल्पसंख्यक हैं इसलिए उनको सजा सुनाई गई।
उन्होंने पाकिस्तानी समाचार चैनल जिओ न्यूज को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि अगर सलमान का धर्म भारत की सत्तारुढ़ पार्टी वाला होता तो शायद उनको यह सजा नहीं मिलती और उनके साथ उदार रुख अपनाया जाता। आपको बता दें कि काला हिरण मामले में सलमान खान को 20 साल बाद 5 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई गई है। वहीं इस मामले अन्य आरोपियों सैफ अली खान, नीलम, सोनाली बेंद्रे और तब्बू को बरी कर दिया गया है। कल रात सलमान जेल में ही थे और आज उनके वकील सेशन कोर्ट में उनकी जमानत के लिए अर्जी देंगे।
आपको बता दें कि बिश्नोई समाज के लोग काला हिरण को भागवान की तरह मानते हैं। सलमान खान को सजा दिलाने में विश्नोई समाज ने अहम भूमिका निभाई है बिश्नोई समाज राजस्थान के जोधपुर के पास पश्चिमी थार रेगिस्तान से आता है। जिन्हें प्रकृति से प्रेम के लिए जाना जाता है और ये लोग जानवरों को भगवान की तरह पूजते हैं यही वजह है। बिश्नोई बीस (20) और नोई (9) से मिलकर बना है। इस समाज के लोग 29 नियमों का पालन करते हैं, जिनमें से एक नियम शाकाहारी रहना और हरे पेड़ नहीं काटना भी शामिल है।