नई दिल्ली: गंगा की अविरल और निर्मल धारा के लिए स्वामी गोपालदास, संथारा (अन्न जल त्यागना) पद्धति से देह त्यागना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने निर्णय लिया है कि देहावसान के बाद उनकी देह एम्स को दान कर दी जाए, जिससे मेडिकल के छात्रों को फायदा मिलेगा।
एम्स प्रशासन पर लगाए आरोप
अनशनरत संत गोपालदास ने एम्स में रविवार को मौन व्रत तोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने एम्स प्रशासन पर मानसिक प्रताड़ना और अभद्रता के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने गोपनीय ढंग से उनकी वीडियो बनाने की भी बात कही।
मोदी सरकार पर किया वार
स्वामी गोपालदास ने तल्ख लहजे में कहा कि मोदी सरकार तानाशाह हो गई है। इस देश में सूटबूट की सरकार आ गई है। पीएम मोदी ने जितने भी वादे किए वह धरातल पर नजर नहीं आए। उनकी कथनी और करनी में बहुत फर्क आ गया है। पूरा सिस्टम न जाने किस साजिश के तहत गूंगा और बहरा हो गया है। इसलिए वह जैन धर्म परंपरा के तहत संथारा पद्धति से गंगा के लिए देह का त्याग करना चाहते हैं।
स्वामी गोपालदास ने कहा कि मां गंगा के संरक्षण को लेकर जिस तरह का माहौल है, उसमें देशभर के संतों, विद्वानों और गंगाप्रेमियों को भी अपना मौन तोड़ देना चाहिए। जीवनदायिनी गंगा की बर्बादी का तमाशा मूकदर्शक बनकर कब तक लोग देखते रहेंगे।
पहाड़ पूंजीपतियों की बपौती नहीं है। गंगा संरक्षण के लिए एनजीटी, कैग, शोध संस्थानों और सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों तक को ताक पर रख दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इंतजार है कि कब जवाब आएगा। इसके साथ ही आंदोलन की अगली रणनीति तय होगी।