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गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग लेकर अनशन पर रहीं साध्वी पद्मावती को दिल्ली एम्स में कराया गया भर्ती

साध्वी गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग लेकर अनशन पर रहीं साध्वी पद्मावती को दिल्ली एम्स में कराया गया भर्ती

देहरादून। गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग लेकर 65 दिन तक आमरण अनशन पर रहीं साध्वी पद्मावती को सोमवार को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया था। आज सुबह उनकी तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। साध्वी को हरिद्वार से दिल्ली तक पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस को दिल्ली पहुंचाया गया था। अनशन के दौरान तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एंबुलेंस से नई दिल्ली के एम्स ले जाया गया। लखनऊ से मैसेज आते ही मेरठ पुलिस सतर्क हो गई।

बता दें कि 45 मिनट में एनएच-58 पर ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया। मुजफ्फरनगर सीमा से लेकर गाजियाबाद की सीमा तक हाईवे पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया। साध्वी को लेकर जा रही एंबुलेंस मेरठ सीमा की 54 किमी की दूरी को महज 28 मिनट में पार कर लिया। हरिद्वार से दिल्ली एम्स तक की दूरी पूरी करने में 2 घंटे 20 मिनट का समय लगा। ग्रीन कॉरिडोर के लिए हाईवे पर समस्त थानों को अलर्ट कर दिया गया था। शाम 4:30 बजे लखनऊ से कंट्रोल रूम से मेरठ को सूचना दी गई। तत्काल मेरठ में एसपी ट्रैफिक संजीव बाजपेई को नोडल अफसर बनाया गया। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि करीब 5:15 बजे एंबुलेंस ने मेरठ सीमा में प्रवेश किया और 5:43 बजे गाजियाबाद सीमा में पहुंच गई। इस दौरान एनएच 58 का सारा ट्रैफिक रोका गया।

एंबुलेंस के ड्राइवर को कहीं भी ब्रेक नहीं लगाने पड़े। एंबुलेंस के साथ हरिद्वार पुलिस की एक चल रही थी। ट्रैफिक को करीब 20 मिनट पहले ही रोक लिया गया। संबंधित जिलों की सीमा पर वहां की पुलिस एंबुलेंस करीब एक किमी आगे-आगे चल रही थी। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पहली बार ग्रीन कॉरिडोर लागू होते देखकर लोग हैरान थे। शुरुआत में लोगों ने समझा कि वीआईपी आ रहे होंगे, लेकिन अबकी बार तो व्यवस्था अलग थी। एंबुलेंस तेज स्पीड से आई और बिना किसी रुकावट से गुजर गई। हरिद्वार कंट्रोल रूम के मुताबिक हरिद्वार से दिल्ली का सफर ग्रीन कॉरिडोर में एंबुलेंस ने करीब 2 घंटे 20 मिनट में पूरा किया। अमूमन एंबुलेंस को लगभग पांच घंटे और आम पब्लिक को छह घंटे हरिद्वार से दिल्ली जाने में लग जाते हैं। ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराकर साध्वी पद्मावती  को समय से अस्पताल तक पहुंचाया गया और उपचार दिलाया। 

बताया गया कि हरिद्वार से करीब 130 की स्पीड से एंबुलेंस ग्रीन कॉरिडोर में दौड़ रही थी। आगे आगे सारी व्यवस्था बनाई जा रही थी। दिल्ली में कई बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मरीजों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया। हैदराबाद में भी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक मासूम बच्ची की जान बचाई गई थी। डॉक्टरों ने कहा था कि अगर इलाज में पांच मिनट देरी हो जाती तो बच्ची की मौत हो सकती थी। एसपी ट्रैफिक संजीव बाजपेई का कहना है कि मेरठ में पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ग्रीन कॉरिडोर बनाने की सूचना मिलने के बाद व्यवस्था बनाने के लिए सिर्फ 45 मिनट थे। सफलतापूर्वक ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया गया।

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