क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर पर बड़ा खुलासा किया है। सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि 24 साल के करियर के लंबे हिस्से में उनके जीवन में कई बार ऐसा हुआ कि वो मैच से पहले वाली रात सो नहीं पाए। सचिन ने बताया कि मेरे दिमाग में मैदान पर जाने पहले मैच शुरू हो जाता था, जिस वजह से तनाव का स्तर बहुत ज्यादा रहता था।
‘करीब एक दशक तनाव में रहा’
मास्टर ब्लास्टर सचिन ने कहा कि मैंने 10-12 सालों तक तनाव महसूस किया था। मैच से पहले कई बार ऐसा हुआ जब रात को मैं सो नहीं पता था। बाद में मैंने ये स्वीकार किया कि ये मेरी तैयारी का हिस्सा है। सचिन ने बताया कि किसी के लिए भी अच्छे-बुरे समय का सामना सामान्य बात है। इसके लिए आपको चीजों को स्वीकार करना होगा। ये सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि जो उसके साथ हैं उस पर भी लागू होता है।
‘शरीर के साथ मानसिक रूप से भी तैयार होने की जरूरत’
बायो बबल पर चर्चा करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा कि इसमें खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर पर बात करना जरूरी है। सचिन ने कहा कि वक्त के साथ मुझे पता लगा कि शरीर के साथ-साथ आपको मानसिक रूप से भी तैयार होने की जरूरत होती है।
‘मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होना जरूरी’
सचिन ने आगे कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आपको जागरूक होना बेहद जरूरी है। हम शायद बुरे समय को स्वीकार नहीं करते, लेकिन जिस तरह चोटिल होने पर डॉक्टर आपका इलाज करता हैं। ठीक वैसा ही मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी है ये सामान्य है। हमें इसे स्वीकार करना चाहिए, क्योकि ये बात सिर्फ खिलाड़ियों पर नहीं बल्कि हर इंसान पर लागू होती है।