मुंबई। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने आज से 28 साल पहले कराची में खेले गए अपने डेब्यू मैच की कुछ यादे साझा की। साल 1989 में सचिन ने 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ खेल गए टेस्ट मैच से क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था। तेंदुलकर ने उसी दौर के एक किस्से को साझा करते हुए कहा कि उस मैच के दौरान मैं रोने लगा था। आपको बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए अपने पहले मैच में उन्होंने 15 रन बनाए थे। अपने रोने का कारण बताते हुए सचिन ने कहा कि उस मैच में मैं जल्दी आउट हो गया था, जिसकी वजह से मैं निराश हो गया और बाथरूम में जाकर रोने लगा। उन्होंने कहा कि जब मैं अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने जीवन की पहली पारी खेलकर ड्रेसिंग रूप में पहुंचा तो मुझे लगा कि मैंने गलत जगह पर गलत समय में एंट्री मार ली।
सचिन ने कहा कि मुझे रोता देख वहां मौजूद एक सीनियर खिलाड़ी मेरे पास आए और उन्होंने मुझे समझाया और प्रोत्साहित किया। उन्होंने ही मुझे बताया कि मुझे अगले मैच में क्या करना है। उनकी बातों से मेरे अंदर अगला मैच खेलने की प्रतिभा उर्जित हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाने से पहले उन्हें मेजबान टीम के आक्रमक गेंदबाजी की कोई जानकारी नहीं थी। मुझे नहीं पता था कि वहां कैसे मैच खेलना है। उन्होंने कहा कि चयन से पहले मैने ईरानी ट्रॉफी में शतक जड़ा था, जिसके चलते टीम इंडिया में मेरा सिलेक्शन हो गया। पाकिस्तान जाकर कुछ ओवर खेले तो पता चला कि अटैक इसे कहते हैं। उस समय पाकिस्तान की टीम में इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनिस जैसे तगड़े गेंदबाद थे, जिनकी गेंदबाजी का सामना करना दातों तले लोहे के चने दबाना था।
क्रिकेट के भगवान ने कहा कि पहली पारी में मैने मुश्किल से 15 रन बनाए थे। इसके बाद मैने अपने करियर की दूसरी पारी में 50 रन मारे थे। 50 रन बनाने के बाद मुझे पता चला कि हां मैं कुछ कर सकता हूं। जब मैं दूसरी पारी खेलने गया, तो तय कर रखा था कि मुझे स्कोर बोर्ड को नहीं देखना है, मैं सिर्फ घड़ी देख रहा था। मैं सिर्फ वहां मैदान पर वक्त बिताना चाहता था। किसी भी कीमत पर मुझे वहां खड़ा रहना था। मुझे विश्वास हुआ कि मैं कर सकता हूं और फिर मैने 59 रन बनाए। ये मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था। उन लोगों के सामने खेलने के बाद मुझे बहुत आनंद मिला।