राजस्थान में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है। हालाकि कांग्रेस और गहलोत कुर्सी बचाने में कामयाब हो गये हैं। लेकिन खबर है कि, ज्यादा दिन तक गहलोत कुर्सी नहीं बचा पाएंगे। और उसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि, सचिन पायलट ने गहलोत के 15 विधायकों पर सेंध लगा ली है।
सचिन पायलट गुट ने फिर अशोक गहलोत खेमे में खलबली मचा दी है। सचिन पायलट गुट की ओर से जारी एक वीडियो में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक हेमाराम चौधनी ने दावा किया है कि गहलोत गुट की बाड़ाबंदी में 10-15 विधायक उनके संपर्क में हैं। इस दावों के बाद सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का दावा करने वाले अशोक गहलोत खेमे में हलचल पैदा कर दी है।इससे पहले कांग्रेस की प्रार्थना सभा में वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से बागी विधायकों में से तीन विधायकों के लौटने का बयान दिया गया था। इस बयान के बाद ही पायलट खेमे की ओर से भी इस संबंध में यह वीडियो जारी किया गया।
उधर, कांग्रेस ने कहा है कि राजस्थान के राज्यपाल की भूमिका हैरान और स्तब्ध करने वाली रही है और बीजेपी की ओर से नियुक्त राज्यपालों की इसी तरह की भूमिका के विरोध में पार्टी ने सोमवार को पूरे देश में राज भवनों के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसदीय लोकतंत्र के संचालन में राज्यपालों की भूमिका अहम है। राज्यपाल विधानसभा का सत्र कब आयोजित करने के साथ ही विधायकों को समन जारी कर सकते हैं और यदि मुख्यमंत्री बहुमत साबित करना चाहते है तो राज्यपाल विधान सभा की बैठक बुला सकते हैं।
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पायलट की तरफ से जिस तरह विधायकों को लेकर बयान आया है। उससे गहलोत सहित पूरी कांग्रेस में खलबली मच गई है।