धर्मशाला। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मिलकर खेलों के महाकुंभ कार्यक्रम का हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से आगाज किया। खेल महाकुंभ के तहत पंचायत स्तर पर छह खेलों बॉस्केटबॉल,वॉलीबॉल, फुटबॉल,क्रिकेट, कबड्डी और एथलेटिक्स का आयोजन किया जाएगा। महाकुंभ का मकसद इन खेलों के जरिए स्टार खिलाड़ियों का हुनर तराशना है, जिसके लिए उनके प्रशिक्षण पर एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारत ही दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर राष्ट्रिया खेलों के अलावा दूसरे देशों के खेलों को भी महत्व दिया जाता है व भारत में इन खेलों के अच्छे-खासे प्रशंसक हैं। इस महाकुंभ के जरिए भारत को सिर्फ खेल प्रेमी नहीं बल्कि खिलाड़ियों का देश बनाना है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परीश्रम करना पड़ता है और साथ ही ये भी ध्यान रखना चाहिए कि सफलता प्राप्ति के लिए कभी गलत रास्ते पर नहीं जाना चाहिए।
अपने बचपन की एक घटना का जिक्र करते हुए सचिन ने कहा कि उनके कोच कहते थे कि अगर नाम कमाने का इतना ही शौक है तो अच्छे रन बनाओ। उन्होंने कहा था कि मैदान एक ऐसा स्टेज है जहां पर हर समय अंचभे मिलते हैं और आप दुनिया की नजर में होते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों में लड़कों को लड़कियों की अपेक्षा अधिक प्रोत्साहन दिया जाता है, लेकिन अकेले लड़के भी कुछ नहीं कर सकते हैं, दोनों को साथ चलना होगा। इससे पहले बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत में खेलों के विकास के लिए कुछ समय पहले तेंदुलकर ने संसद में सुझाव दिए थे।