स्पेस की दुनिया में रूस को सुपर पावर के रूप में जाना जाता है। अंतरिक्ष पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाला रूस आज कल अपनी किलकर मिसाइल को लेकर खबरों में बना हुआ है। जिसकी वजह से अमेरिका रूस पर कई वार कर रहा है और रूस की नीतियों को दुनिया के सामने उजागर कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि, स्पेस पर रूस अमेरिका के सेटेलाइट का खत्म करके अमेरिका को झटका देना चाहता और इसमें उसका साथ चीन दे रहा है। लेकिन रूस ने इन दावों का खारि ज कर दिया है।
रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन के उन दावों को खारिज किया है कि उसने अंतरिक्ष में उपग्रह रोधी हथियार का परीक्षण किया। इसके साथ ही रूस ने कहा कि ये आरोप साबित करते हैं कि अमेरिका खुद अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने का इरादा रखता है। अमेरिका और ब्रिटेन के आरोपों के बारे में टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि रूस हमेशा से अंतरिक्ष के विसैन्यीकरण और किसी भी प्रकार के हथियार की तैनाती नहीं करने के पक्ष में रहा है। इसलिए रूस पर आरोप लगाना बेहद गलत है।
अमेरिकी सेना के हाल ही में बनाए गए स्पेस कमान के एक शीर्ष जनरल जॉन ‘जय’ रेमंड ने टाइम मैगजीन से कहा कि अमेरिकी खुफिया विशेषज्ञ रूस के जोड़े उपग्रह कॉसमॉस 2542 और 2543 पर कई महीने से नजर बनाए हुए हैं। वह तब से नजर बनाए हुए हैं जब यह केवल एक उपग्रह था और इसे सोयूज रॉकेट की मदद से 26 नवंबर 2019 को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। जनरल जय ने कहा कि सैटलाइट लॉन्च होने के 11 दिन बाद दो भागों में बंट गया और एक नए सैटलाइट को जन्म दिया।
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अमेरिका का कहना है कि, रूस नहीं चाहात कि, अमेरिका स्पेस से अन्य देशों पर खूफिया नजर रखकर जानकारी इकठ्ठा करे। इसलिए वो अपनी किलर मिसाइल से उसे खत्म करना चाहता है।