मास्को। रूस के पूर्व जासूस पर केमिकल अटैक का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में अपने राजनयिकों के निष्कासन से नाराज रूस ने भी अपने यहां से 60 अमेरिकी राजनयिकों को निकालने का ऐलान कर दिया है। रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग में एक अमेरिकी दूतावास को बंद करने की भी बात कही है। रूस ने बड़ी संख्या में अपने राजनयिकों के निष्कासन का बदला लेने की धमकी दी थी। सरकारी मीडिया तास व न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, रूस के विदेश मंत्री सरगई लावरोव ने दावा किया है कि अमेरिका ने अन्य देशों पर भी रूसी राजनयिकों के निष्कासन के लिए दवाब बनाया। उन्होंने कहा कि रूस ने एक अमेरिकी दूतावास को भी बंद करने का ऐलान किया है।
बता दें कि इस बीच अमेरिका ने कहा है कि वह रूस के साथ अपने संबंध सुधारना चाहता है लेकिन इसके लिए रूस को अपना व्यवहार बदलना होगा। रूस का राजनयिकों को निकालने का फैसला न्यायोचित नहीं है। ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस पर नर्व एजेंट हमले के बाद रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया गया है। ब्रिटेन समेत कई देशों ने अपने यहां से रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। अभी तक अमेरिका , जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड समेत 18 देशों ने रूस के 100 से अधिक राजनयिकों (खुफिया अधिकारियों) को निष्कासित करने का ऐलान किया है। बीते हफ्ते अमेरिका ने 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करते हुए उन्हें खुफिया एजेंसियों के लिए काम करने का आरोपी बताया। निष्कासित राजनयिकों पर खुफिया अधिकारी के रूप में काम करने का आरोप है।
वहीं ब्रिटेन में पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल (66) पर 4 मार्च को केमिकल अटैक हुआ, जिसके बाद से वह और उनकी बेटी यूलिया (33) ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।दरअसल, रूस ने स्क्रिपल पर रूसी गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश खुफिया संस्था एमआई 6 को बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें 13 साल तक जेल में रखा गया। ब्रिटेन और रूस के बीच 2010 में हुए समझौते के बाद स्क्रिपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे। पूर्व रूसी जासूस और उनकी बेटी ने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली है।