- स्वीडन, एजेंसी
स्वीडन के किसान को RunStone मिलने से पुरातत्वविदों में नई उम्मीद जगी है। किसान को अपने खेत की जुताई करते समय एक ऐसे पत्थर को खोज निकाला है जिसे पुरातत्वविदों ने फाइंडिंग ऑफ द ईयर नाम दिया है। पुरातत्वविदों ने कहा है कि यह बहुत पुराना RunStone है इसमें वाइकिंग युग से मिलता जुलता प्रमाण मिल रहा है।
आपको बता दें कि स्मालैंड काउंटी का रहने वाला है किसान अपने खेतों की जुताई कर रहा था ठीक उसी समय उसके ट्रैक्टर केरल के नीचे एक पत्थर आ गया।पहले तो किसान ने इसे एक साधारण पत्थर की तरह ही समझा था लेकिन बाद में बारीकी से देखने पर इसमें एक प्राचीन शिलालेख मिला जो वाइकिंग रन के इस्तेमाल से बनाया गया था।
एसवीटी राष्ट्रीय प्रसारक ने कहां है कि, इस तरह का पत्थर शोधकर्ताओं के लिए पहली बार सामने आया है और इसमें उन्हें विशेष दिलचस्पी भी नजर आ रही है।
वेरोनिका पाम, पुरातत्वविद् और वैस्टर्विक के संग्रहालय में उप निदेशक ने राष्ट्रीय प्रसारक एसवीटी को बताया कि, यह बहुत अच्छी स्थिति में है। ऐसी बारीक स्थिति में रनस्टोन्स का पता लगाना असामान्य है। यह बहुत समय पहले गिर गया होगा क्योंकि क्षेत्र लंबे समय से उपयोग में है। यह एक मात्र संयोग था कि यह पत्थर हल के नीचे आ गया और अचानक हम सबके बीच मौजूद है।
रनस्टोन RunStone से झलक मिली 11वीं शताब्दी की
रनोलॉजिस्ट मैग्नस कैलस्ट्रोम ने कहा कि पत्थर अद्वितीय है, यह 11 वीं शताब्दी की याद दिलाता है। इससे पहले जब इसी जगह पर चांदी मिली थी तो यह पहले ही ज्ञात हो चुका था कि एक धनी और कुलीन परिवार इस स्थल पर रहता था। वेरोनिका पाम ने समाचार पत्र एफ़टनब्लैड को बताया कि, रनस्टोन स्थानीय विद्या और भाषा अनुसंधान के लिए एक नया मील का पत्थर है। यह एक दिलचस्प महिला का नाम है, isgärd, इसे पहले नहीं देखा गया है।
लॉफ्टहममार के बाहर हेलर, लेट आयरन एज के दौरान एक महत्वपूर्ण स्थान था, जिसमें चांदी के सिक्कों सहित कई उल्लेखनीय खोजें थीं। कलमार में काउंटी प्रशासनिक बोर्ड अब पत्थर को साफ और संरक्षित करेगा, जिसे बाद में जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
RunStone रनस्टोन क्या होता है?
स्कैंडेनेविया में रनस्टोन RunStone जुटाने की परंपरा लगभग 4 वीं शताब्दी में उभरी और 12 वीं शताब्दी तक चलती रही। रनस्टोन्स अक्सर मृत पुरुषों के स्मारक होते हैं और आमतौर पर चमकीले रंग के होते हैं जब इसे बनाया जाता है, हालांकि यह अब स्पष्ट नहीं है क्योंकि रंग खराब हो गया है। अधिकांश रनस्टोन वर्तमान स्वीडन में पाए जाते हैं।
क्या वाकिंग्स मुस्लिम थे जानें यहां
लंदन। एक नए शोध से यह जानकारी हासिल हुई है कि पूर्व के स्केंडनेवियाई जलदस्यु (वाइकिंग्स) मुस्लिम हो सकते हैं। वाइकिंग युग के नावों के एक कब्रिस्तान में जो कपड़े मिले हैं, उनमें वे कपड़े भी हैं जिन्हें पहनाकर इन लोगों को दफनाया जाता था। इनके सिल्क के बुने कपड़ों के बैंड पर अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ लिखा है। इससे निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि वाइकिंग्स मुस्लिम धर्म से जुड़े हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जो कपडे मिले हैं वे नौवीं और दसवीं सदी के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कपड़ों पर जो डिजाइन बुनी गई है उनमें ‘अल्लाह’ और ‘अली’ नामक शब्द हैं। कपड़ों की यह खोज स्वीडन में हुई और इस खोज से यह सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या स्केंडनेविया पर भी इस्लाम का प्रभाव पड़ा।
इस मामले में वस्त्र पुरातत्ववेता एनिका लार्सन का कहना है कि यह कपड़ा मध्य एशिया, पर्सिया और चीन से आता था। उपासला यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञ लार्सन ने बताया कि कपड़ों पर छोटे-छोटे ज्यामितीय डिजाइन स्केंडनेवियाई पैटर्न पर नहीं है वरन यह प्राचीन अरबी भाषा की क्यूफिक डिजाइन है। क्यूफिक डिजाइन वह होती है जोकि अरबी अक्षरों के घुमावदार प्रकार हैं जोकि कुरान में लिखे अक्षरों से अलग हैं।