उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध कवि अकबर इलाहाबादी के दुबारा नामकरण को लेकर बवाल शुरू हो गया है। 3 साल पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया गया। इसके बाद प्रसिद्ध कवि अकबर इलाहाबादी का उल्लेख, अकबर प्रयागजी के रूप में किया गया है। उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईसीएस) की वेबसाइट पर मंगलवार यानी कल कवि का नाम बदलकर अकबर प्रयागराजी रखा गया।
यूपीएचईसीएस ने दिया स्पष्टीकरण
इस मुद्दे को लेकर हंगामा होने के बाद उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग के उप सचिव शिव जी मालवीय द्वारा स्पष्टीकरण के तौर पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया है कि वेबसाइट हैक हो गई थी।और महान कवि अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर अकबर प्रयागराजी करना भ्रामक है।
विज्ञप्ति में आगे लिखा हुआ है कि आयोग द्वारा अधिकारिक वेबसाइट पर ऐसा कोई नाम दर्ज नहीं किया गया है और इससे ठीक किया जा रहा है।
साइबर सेल से जांच की मांग
यूपीएचईसीएस की ओर से जारी विज्ञप्ति में साइबर सेल से इस मामले की जांच की मांग की जा रही है और ऐसा करने वालों के साथ सख्त कार्यवाही की जाए।
अकबर इलाहाबादी संयोग से अखबारों की उन पंक्तियों में काफी प्रसिद्ध हैं जो कहती हैं ” खिंचो न कमनों को, न तलवार निकलो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकलो”।
अन्य कवियों के नाम के साथ भी हुई छेड़छाड़
जारी विज्ञप्ति में यूपीएचईसीएस का कहना है कि वेबसाइट पर अन्य कुछ कवियों के नाम की भी साथ छेड़छाड़ की गई है। राशिद इलाहाबादी का नाम राशिद प्रयागराजी और तेग इलाहाबादी का तेग प्रयागराजी कर दिया गया था।