नई दिल्ली। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि अगर मैं देश का पीएम बना तो कालाधन वापस आएगा और सबके खाते में 15 लाख रुपये आएंगे। उस दौरान पीएम ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम कालेधन पर ऐसी चोट करेंगे कि हर एक भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे। पीएम के इसी बयान को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट मोहन कुमार शर्मा की तरफ से साल 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा गया था।
इस पत्र में शर्मा ने पूछा था कि पीएम मोदी ने चुनावों के दौरान जो देश के हर एक नागरिक को 15-15 लाख रुपये खाते में डालने का वादा किया था उस पर काम कब से शुरू होगा। इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाब में केंद्रीय सूचना आयोग से कहा कि आरटीआई एक्ट के तहत इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। इसी जवाब पर मोहन कुमार ने मुख्य सूचना अधिकारी आरके माथुर को बताया कि इस संबंध में पीएम ऑफिस या रिजर्व बैंक की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इसके जवाब में अधिकारी ने बताया कि पीएमओ की तरफ से आवेदककर्ता को ये जानकारी दी गई कि उनकी ओर से आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी आरटीआई एक्ट के सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं आती। आपको बता दें कि आरटीआई ऐक्ट के सेक्शन 2 (एफ) के तहत सूचना का मतलब कोई भी सामग्री होती है जो रिकॉर्ड्स, दस्तावेज, मेमोज, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस रिलीज, सर्कुलर्स, ऑर्डर्स, लॉगबुक्स, रिपोर्ट्स, पेपर्स, नमूने, मॉडल्स, डेटा के तौर पर होती है।