नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल एक न्यूज़ ऐजेंसी को इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने राम मंदिर जीएसटी नोटबंदी सर्जिकल स्ट्राइक कई मुद्दों पर चर्चा की. राम मंदिर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर अध्यादेश का फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा.
आरएसएस ने प्रधानमंत्री के बयान का किया स्वागत
प्रधानमंत्री के इस बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत किया है. संघ की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि हमें प्रधानमंत्री का बयान एक सकारात्मक कदम लगता है. संघ ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री का अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है.
इस कार्यकाल में सरकार वादा पूरा करें
संघ ने कहा है कि जनता ने उन पर विश्वास व्यक्त करते हुए बहुमत दिया. इस कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करे, ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है. RSS के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह बीजेपी के पालमपुर अधिवेशन (1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है.
सभी संभव प्रयास करने का वादा
इस प्रस्ताव में बीजेपी ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य कानून बनाने (Enabling Legislation) का प्रयास करेंगे.’ होसबोले ने आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभव प्रयास करने का वादा किया. भारत की जनता ने उन पर विश्वास व्यक्त कर बीजेपी को बहुमत दिया है. इस सरकार के कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करे ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है.’
राम मंदिर मुद्दे पर पीएम मोदी बोले- अध्यादेश नहीं लाएगी हमारी सरकार
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘हम बीजेपी के घोषणापत्र में कह चुके हैं कि कानूनी प्रक्रिया के तहत राम मंदिर मसले का हल निकाला जाएगा.’ उन्होंने कहा कि पहले कानून प्रक्रिया पूरी होने दीजिए, उसके बाद अध्यादेश के बारे में विचार किया जाएगा.’