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बर्थडे स्पेशल-सेल्समैन से बॉलीवुड अभिनेता तक का सफर

12 12 बर्थडे स्पेशल-सेल्समैन से बॉलीवुड अभिनेता तक का सफर

नई दिल्ली। बॉलीवुड में अरशद वारसी को एक अच्छें और हर रोल में फिट होने वाले अभिनेता के तौर पर देखा जाता हैं। बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी उन लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी मुश्किलों को ही अपनी ताकत में तब्दील कर लिया और अपने लिए एक नया मुकाम बना लिया। कहते हैं कि किसी भी बच्चें के लिए उसके ऊपर उसके माता- पिता का साया होना बहुत जरुरी होता हैं लेकिन अरशद एेसे अभिनेता हैं जिनके ऊपर से उनके माता- पिता का साया महज 14साल जैसी कम उम्र में ही उठ गया।

12 12 बर्थडे स्पेशल-सेल्समैन से बॉलीवुड अभिनेता तक का सफर

सिर्फ 14साल जैसी कम उम्र में मुंबई जैसे बड़े शहर में किसी लड़के के सर से उसके मां बाप का साया उठ जाना कितना दुख भरा होता होगा ये सोच पाना भी बेहद मुश्किल है। ये घटना किसी भी इंसान को उसके सपनों से दूर करने के लिए काफी है।

यूं तो अरशद ने बॉलीवुड में काफी समय पहली ही शुरूआत कर दी थी लेकिन उन्हें साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से पहचान मिली और फिर अरशद ने अपनी कॉमेडी से हंसाने वाले, गंभीर फिल्मों में गजब की अदाकारी से हिला कर रख देने वाले किरदार के रुप में अपनी पहचान बनाई। बता दे कि आज अरशद वारसी अपना 50 बर्थडे मना रहे हैं।

सेल्समैन के रुप में काम 

आज अरशद का नाम बॉलीवुड हस्ती के रुप में शुमार किया जाता हैं लेकिन अरशद के जीवन में एक समय ऐसा भी था। जब उन्होनें अपने जीवन में सेल्समैन की नौकरी की थी। अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल 1968 को मुंबई के एक साधारण से परिवार में हुआ था। महज 14 साल जैसी कम उम्र में ही अरशद ने अपने मां बाप को खो दिया। ऐसे में पैसों की तंगी की वजह से सिर्फ 17 साल की उम्र में सेल्समैन का काम शुरू कर दिया। घर-घर जाकर कॉस्मेटिक्स बेचने लगे। अरशद ने सिर्फ 10वीं तक ही पढ़ाई की। उन्हें डांस का बहुत शौक था। उन दिनों मुंबई में अकबर सामी डांस ग्रुप का बड़ा नाम था। वहां से अरशद को डांस ग्रुप ज्वाइन करने का ऑफर मिला, फिर क्या था तभी से अरशद की जिंदगी सही पटरी पर आ गई।

महेश भट्ट को किया असिस्ट

आज अरशद ने फिल्मी दुनिया में अपनी एक अलग जगह बना रखी हैं लेकिन अरशद ने अदाकारी से पहले बॉलीवुड में अपनी शुरुआत एक असिस्टेंट के तौर पर की थी। 1987 में आई फिल्म ‘ठिकाना’ और ‘काश’ में उन्होंने महेश भट्ट को असिस्ट किया था। इन दोनों फिल्मों में काम करने की वजह से अरशद ने हिंदी सिनेमा को काफी अच्छे से महसूस कर लिया था। वो बॉलीवुड की कई बारीकियों से वाकिफ हो गए थे।

इंडियन डांस कॉम्पिटिशन का खिताब 

अरशद वारसी के डांस का शौक तब रंग लाया जब उन्होंने साल 1991 में इंडियन डांस कॉम्पिटिशन का खिताब अपने नाम किया। इसके अगले ही साल उन्होंने लंदन में मॉडर्न जैज़ कैटेगरी के तहत वर्ल्ड डांस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और इसमें उनको चौथा स्थान मिला। बाद में उन्होंने हिंदुस्तान आकर अपनी डांस एकेडमी ‘Awesome’ शुरू की.

अरशद और उनके हमसफर की मुलाकात

लंदन में जीते हुए पैसों से अरशद वारसी ने मुंबई में जो डांस एकेडमी खोली उसमें उन्होंने अपना एक डांस ग्रुप बनाया. इसी ग्रुप का हिस्सा बनी मारिया गोरेट्टी। मारिया मुंबई के सेंट एंड्र्यूज़ कॉलेज की छात्रा थीं। बाद में वो एक वीजे बनीं। मारिया और अरशद की पहली मुलाकात एक ‘मल्हार फेस्टिवल’ के दौरान हुई थी। अरशद इसमें जज के तौर पर शामिल हुए थे और मारिया इसमें महज एक कंटेस्टेंट थीं। अरशद ने शुरुआत में मारिया को अपने डांस ग्रुप का हिस्सा बनने का ऑफर दिया था। बाद में मारिया उनके डांस ग्रुप की लीड डांसर बन गई थी।

अरशद वारसी और मारिया गोरेट्टी ने 14 फरवरी 1999 को शादी कर ली। मारिया भी बॉलीवुड में किस्मत आजमा चुकी हैं। उन्होंने साल 1992 में आई सुपरहिट फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ में गेस्ट अपेयरेंस निभाया था। इसके अलावा ‘सलाम नमस्ते’ में भी मारिया कुछ देर के लिए नजर आई थीं। मारिया और अरशद के दो बच्चे हैं। बेटा ज़ेके वारसी और बेटी ज़ीनी जो वारसी।

अमिताभ बच्चन ने दी पहली फिल्म 

साल 1996 में अरशद वारसी ने बॉलीवुड में पहली फिल्म की. फिल्म का नाम था ‘तेरे मेरे सपने’ ये फिल्म अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस ए.बी.सी.एल के बैनर तले बनी थी। इस फिल्म के लिए अरशद को जया बच्चन ने रोल ऑफर किया था। फिल्म में चंद्रचूर सिंह, प्रिया गिल, सिमरन और प्राण जैसे कलाकार भी थे. अरशद की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। लेकिन इसके बाद ‘हीरो हिंदुस्तानी’, ‘होगी प्यार की जीत’ और ‘जानी दुश्मन’ जैसी कई फिल्में सिनेमाघरों में कुछ खास करने में कामयाब नहीं हो पाईं।

मुन्नाभाई बनी टर्निंग प्वाइंट

अरशद के फिल्मी करियर में राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ एक बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने ‘सर्किट’ का किरदार निभाया था। संजय दत्त फिल्म में मुन्ना बने थे। फिल्म में मुन्ना और सर्किट की जोड़ी सुपरहिट रही और तब से अरशद ने फिर कभी वापस मुड़कर नहीं देखा। इस फिल्म के लिए अरशद को फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेशन भी मिला था।

‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के लिए तो अरशद फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने से चूक गए लेकिन, साल 2006 में आई फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में उन्होंने ये कसर भी पूरी कर ली। उन्हें इसके लिए बेस्ट परफॉर्मेंस इन अ कॉमिक रोल में फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।

टीवी की दुनिया में भी रहे हिट 

अरशद सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि छोटे परदे पर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे। आज के दौर का सबसे बड़ा रिएलिटी शो यानि बिग बॉस के पहले सीजन के होस्ट कोई और नहीं बल्कि अरशद वारसी ही थे। बिग बॉस के अलावा उन्होंने स्टार गोल्ड पर आने वाले शो ‘सबसे फेवरेट कौन’ को भी होस्ट किया। साल 2010 में अरशद ‘जरा नचके दिखा’ में जज के तौर पर भी नजर आए।

गंभीर फिल्मों में अभिनय

साल 2005 में अरशद वारसी ने फिल्म ‘सहर’ में काम किया। फिल्म में उन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई। सहर में अरशद ने वो कर दिखाया जो उनके अंदर शायद छुपा हुआ था। कबीर कौशिक के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं किया लेकिन अरशद अपनी अदाकारी से लोगों को बता चुके थे कि वो सिर्फ कॉमेडी ही नहीं करते बल्कि एक संपूर्ण कलाकार होने के सभी गुण उनमें मौजूद हैं।

इन फिल्मों में मचाया धमाल

यूं तो अरशद ने कई फिल्मों में काम किया हैं लेकिन यें कुछ चुनिंदा फिल्में हैं जिसमें अरशद का किरदार खुलकर सामने आया हैं। ‘जॉली एलएलबी’, ‘इश्किया’, ‘डेढ़ इश्किया’, ‘जिला गाजियाबाद’ और ‘इरादा’ गोलमाल और गोलमान की सभी सीरिज फिल्मों में अरशद ने कमाल की एक्टिंग की। इन फिल्मों में उनकी अदाकारी की खूब सराहना की गई। आज अरशद का 50वां जन्मदिन है और हमारी ओर से भी अरशद को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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