- भारत खबर || योगेश जैन (अस्ट्रोलॉजर)
रोटी खिलाने का लाभ किस कुत्ते को खिलाने से ज्यादा होता है, आज की चर्चा इसी विषय पर है। आवारा कुत्ते को भोजन देने का फल शास्त्रों ने बहुत ही अधिक बताया और साथ ही पालतू कुत्तों के पालन से भी बारह वर्षों तक सब प्रकार के एश्वर्य-प्रगति देखने को मिलता है पर बारहवें वर्ष के पश्चात घर में कलह-अशांति, केश-मुकदमा तथा बीसवें वर्ष ‘सर्वस्व’ से भी हाथ धोना पड़ सकता है इसलिए घर में कुत्ता पालन न करें।
मेरा यह लेख शास्त्रमत से चलनेवाले धर्मावलंबियों के लिए है आधुनिक विचारधारा के लोग इससे सहमत या असहमत होने के लिए बाध्य नहीं है। महाभारत में महाप्रस्थानिक पर्व का अंतिम अध्याय, इंद्र, धर्मराज और युधिष्ठिर संवाद में इस बात का उल्लेख है। जब युधिष्टिर ने पूछा कि यह कुत्ता मेरे साथ यहां तक चलकर आया तो मै इस कुत्ते को अपने साथ स्वर्ग क्यों नहीं ले जा सकता?
रोटी खिलाने का लाभ पालतू कुत्ते से है या नहीं?
तब इंद्र ने कहा- “हे राजन कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नहीं है ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है। कुत्ते से पालित घर मे किये गए यज्ञ, और पुण्य कर्म के फल को क्रोधवश नामक राक्षस उसका हरण कर लेते है। और तो और उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुवा-बावड़ी इत्यादि बनाने के जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है वह सब घर में कुत्ते की दृष्टि पड़ने मात्र से निष्फल हो जाता है। इस लिए कुत्ते का घर मे पालना निषिद्ध और वर्जित है।
ज्योतिष के अनुसार भी कहा जाता है कि कुत्ता राहु ग्रह का प्रतीक है। अभिप्राय कुते को घर मे रखना राहु को अपने पास रखने के समकक्ष है। और राहु भक्तिभाव से दूर करता है।
कुत्ते को संरक्षण देना चाहिए, अगर आप सामर्थ्यवान हैं तो रोज पच्चीस-पचास या सामर्थ्यनुसार कुत्तों को भोजन दें, घर की रोज की अंतिम एक रोटी पे कुत्ते का अधिकार है इस पशु को भूलकर भी प्रताड़ित नही करना चाहिए और दूर से ही इसकी सेवा करनी चाहिए इससे अवधूत भगवान दत्तात्रेय और भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं।
कुत्तों के लिए घर के बाहर बाडा बनवाएं
घर के अंदर नहीं, यह शास्त्र मत है।
अतिथि घर में,
गाय आंगन में, और
कुत्ता, कौवा, चींटी घर के बाहर ही फलदाई होते है।