लखनऊ। भाजपा द्वारा शुक्रवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आईटी एवं सोशल मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के सोशल मीडिया संयोजक बुलाये गये थे। आईटी एवं सोशल मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले दो दशक के दौरान सबसे बड़ा बदलाव मीडिया में आया है। आज सोशल मीडिया की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी डिजिटल मीडिया इतना प्रभावी नहीं होता था। हमारे राजनीतिक जीवन में प्रिंट मीडिया का बोलबाला था, लेकिन उसके बाद जिस मीडिया ने अपनी धमक बनाई है वह विजुअल मीडिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हर एक स्तम्भ का अपना योगदान है, विधायिका अपनी, कार्यपालिका अपनी, न्यायपालिका और मीडिया भी अपनी भूमिका के साथ पूरी व्यवस्था पर पैनी निगाह रखता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी के अंदर कोई घटना होती है तो लोकल लोग कम, अन्य राज्यों व देशों से ट्रायल शुरू हो जाता है, जबकि इनका यूपी से कोई लेना-देना नहीं होता। किसी ने सोचा था कि कश्मीर से धारा 370 हट सकती है। क्योंकि वोट बैंक सबको प्यारा था, लेकिन हमारे यशस्वी नेतृत्व ने इस धारा को समाप्त करके एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया। अयोध्या में राम जन्मभूमि का मामला इतना शांतिपूर्ण ढंग से निपट सकता था, कोई नहीं सोचता था, लेकिन ऐसा हुआ ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश हित और आने वाली पीढ़ी के हक में काम करते हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने लिए काम नहीं करती। योगी ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी संसद नहीं चलने दी गई। जो लोग पेगासस के मुद्दे को उठा रहे हैं, उनके पास कोई तथ्य नहीं हैं देश के अंदर आंतरिक व आगे की रणनीति पर संसद पर चर्चा हो सकती थी। कोरोना से रोजगार पर पड़े असर पर भी चर्चा हो सकती थी, लेकिन विपक्ष ने गलत मुद्दे को लेकर सनसनी पैदा कर संसद नहीं चलने दी।
लोकसभा चुनाव से पहले भी राफेल का मुद्दा उछाला गया था, लेकिन जनता ने विपक्ष के आरोपों को नाकारा था। हर संसद सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा एक नया मुद्दा उछाला जाता है।