ढाका। पिछले साल 25 अगस्त से शुरू हुई म्यांमार हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस दौरान रोहिंग्या मुसलमानों के साथ-साथ वहां से पलायन करके आए रोहिंग्या हिंदू अपने देश वापस लौटना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली है। बांग्लादेश में शरणार्थी बनकर रह रहे म्यांमार के हिंदू किसान सुरोधन पाल का कहना है कि वो अपने देश लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने अपना सामान भी पैक कर लिया है, लेकिन अभी कई शरणार्थी अपने देश वापस लौटने से डर रहे हैं। बता दें कि बांग्लादेश चाहता है कि पिछले साल म्यांमार से साढे छह लाख से ज्यादा शरणार्थी दोनों देशों के बीच हुए विवादित समझौते के बाद अपने देश लौटना शुरू कर दे।
म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों की बड़ी आबादी उत्पीड़न का शिकार हुई और उनका कहना है कि वे हिंसा के परिद्दश्य में रहने के बजाय बांग्लादेश के गंदे शिविरों में रहना पसंद करेंगे। वहीं इस दौरान रखाइन में रह रहा हिंदू समुदाय भी इस हिंसा की चपेट में आ गया था, जो लोग अब वापस अपने देश जाना चाहतें हैं। पाल ने बताया कि हम सुरक्षा और भोजन चाहते हैं। अगर अधिकारी हमें इसका आश्वासन दे सकते हैं तो हम खुशी-खुशी लौटना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार और संयुक्त राष्ट्र हमारा ख्याल रख रहे हैं, लेकिन अब हमने अपना बैग तैयार कर लिया है और हम देश लौटने के लिए तैयार हैं।