वाराणसी: भारत में सड़क दुर्घटनाएं पूरे विश्व में सबसे ज्यादा होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इससे देश को भारी सामाजिक और आर्थिक क्षति होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अब एक नई पहल की है। इससे देश में होने वाले सड़क हादसों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा।
आई एप से रुकेंगे सड़क हादसे
इस मामले में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, एनआईसी को साथ लेकर सड़क सुरक्षा के लिए डाटा बेस तैयार करवा रही है। जिसका सारा विवरण एक एप के माध्यम से रखा जाएगा। इस एप का नाम आई एप रखा गया है। इस एप के माध्यम से जो विवरण तैयार होगा, उसका अध्ययन आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ करेंगे। इस डाटा बेस के द्वारा यूपी में हो रहे सड़क हादसों पर रोक लगाई जाएगी।
इसके लिए वाराणसी जिले में परिवहन और पुलिस विभाग ने एक ड्राई रन भी किया था। पुलिसलाइन के करीब एक कार और बाइक की टक्कर करके उसका पूरा ब्यौरा आई एप के माध्यम से दर्ज किया गया था।
बता दें कि सबसे पहले इस एप के जरिये कहीं भी दुर्घटना होने पर पुलिस हादसे की पूरी जानकारी दर्ज करेगी। इसमें सड़क हादसे की सारे बातों की गहराई से छानबीन करने के बाद इसका ब्यौरा संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। इसके बाद जो भी विभाग इस सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होंगे, वो अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे।
लोक निर्माण विभाग की होगी अहम जिम्मेदारी
मसलन अगर विभाग इस सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार होगा तो वो सड़क का निर्माण करवाएगा और सड़क की खामियों को दूर करेगा। इसके लिए विभाग के अधिकारी मौके पर जाएंगे और घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। इस एप के माध्यम से अब तक 16 दुर्घटनाओं का विवरण दर्ज किया जा चुका है, जिस पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। संबंधित विभाग हादसे के लिए जिम्मेदार कारणों का अध्ययन कर रहे हैं।
भारत में होते हैं सबसे ज्यादा सड़क हादसे
बता दें कि पूरी दुनिया में भारत इकलौता ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। भारत में दुनिया के एक प्रतिशत ही वाहन हैं, लेकिन दुनियाभर में होने वाली मौतों में 11 प्रतिशत मौतें हिंदुस्तान में होती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब चार लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में असमय काल के गाल में समा जाते हैं। इसमें से करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है।
सड़क दुर्घटनाओं से देश को होती है भारी क्षति
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अध्ययन करके अनुमान लगाया है कि देश में मार्ग दुर्घटनाओं में करीब 14,7,114 करोड़ रुपये की आर्थिक और सामाजिक क्षति होती है। ये नुकसान हमारी जीडीपी का .77 प्रतिशत है। इसमें भी सबसे दुखद बात ये है कि सड़क दुर्घनाओं में सबसे ज्यादा कम उम्र के लोगों की मौत होती है। जो देश के लिए भारी क्षति साबित होता है।