नई दिल्ली। कर्नाटक में सियासत का असर अब साफ तौर पर बिहार में भी दिखने लगा है। बता दे कि बिहार में नई सरकार बनाने को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था ताकि वह उनसे मिलकर नीतीश कुमार सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर सके और महागठबंधन की सरकार बनाने का दावा ठोक सकें।
बता दे कि जिस तरह से कर्नाटक में बीजेपी ने सरकार बनाई है उस पर सवाल उठने लगे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन को कुल 116 सीट होने के बावजूद भी सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। बल्कि राज्यपाल की ओर से बीजेपी को 104 सीट होने के बावजूद भी सरकार बनाने का न्योता मिला है इसी को लेकर देश में सियासत तेज हो गई है।
तेजस्वी यादव की राज्यपाल से मुलाकात
इसी को आधार बनाकर तेजस्वी यादव शुक्रवार को बिहार के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। सबसे बड़े दल होने के नाते नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। राज्यपाल के इस फैसले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इस देश में दो तरह का कानून नहीं चलेगा। तेजस्वी ने कहा कि अगर सबसे बड़े दल के होने के नाते कर्नाटक में राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दे सकती है। तो इसी नियम को आधार बनाकर बिहार में भी आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों की पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस जिसे 2015 के विधानसभा चुनाव में 27 सीटें मिली थी। उसके साथ उनका चुनाव से पहले का गठबंधन है। ऐसे में 107 सीटें होने के नाते उनका गठबंधन सबसे बड़ा है। उन्हें सरकार बनाने के लिए इस गठबंधन को मौका मिलना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि वह जो राज्यपाल से मुलाकात के दौरान आरजेडी और कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों की परेड भी कराएंगे। राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले तेजस्वी यादव इस मुद्दे को लेकर पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरने पर बैठेंगे।
बता दे कि कर्नाटक की सियासत का असर जयपुर में भी पहुंच गया है। राजस्थान के जयपुर में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से इसको लेकर विकोध प्रदर्शन किया जा रहा है।