नई दिल्ली। चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को आज दो धाराओं में कुल चौदह साल की सजा और तीस-तीस लाख का जुर्माना लालू पर लगाया गया हैं।
एक ओर जहां लालू यादव को मिली हैं तो वहीं दूसरी और लालू की सजा के बाद बिहार की राजनीति भी काफी गरमाने लगी हैं। बता दे कि लालू की सजा को तेजस्वी यादव की ओर से षड्यंत्र की राजनीति करने का आरोप लगाया गया हैं तो वहीं बीजेपी की ओर से भी इस मामलें को लेकर करारा जवाब दिया गया हैं। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिता के खिलाफ साजिश की गई है और उनकी जान को खतरा है। ये सब भाजपा और जदयू की साजिश है, मेरे पिता निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि हमें न्यायालय पर भरोसा है। हम न्याय का दरवाजा खटखटाते रहेंगे।
विपक्ष ने कहा पाप करने की सजा
लालू यादव की सजा को लेकर जहां साजिश करार दिया जा रहा हैं तो वहीं सुशील मोदी की ओर से कहा गया हैं कि पाप करने की सजा तो मिलती ही हैं सुशील मोदी की ओर से कहा गया हैं कि ये न्यायालय का मामला है और इस बारे में किसी तरह की टीका-टिप्पणी ठीक नहीं है। न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए। ये लोग जो आरोप लगा रहे हैं कि लालू निर्दोष हैं तो ऐसा काम क्यों किया था? पाप करने की सजा तो मिलती ही है।
एक मामलें में इतनी बार सजा क्यों
चारा घोटाला मामलें को लेकर राजद नेता शिवानंग तिवारी की ओर से कहा गया हैं कि एक ही मामलें में अलग अलग सजा क्यो दी जा रही हैं। सीबीआइ इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और सजा की रूपरेखा बदल दी गई। एक ही गलती की कितनी सजा देंगे? देखना है। लालू यादव निर्दोष हैं, ये सभी जानते हैं।