बिहार। बिहार के गया जिले में मां-बेटी सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने के आरोप में नामजद किए गए राजद नेताओं को आज स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार ने राजद के नेता पूर्व मंत्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, आलोक कुमार मेहता, पूर्व सांसद रामजी मांझी,सहित चार अन्य आरजेडी नेताओं की जमानत याचिका को दस-दस हजार रुपये के बांड भरने पर स्वीकार कर ली गई।
पहचान सार्वजनिक करने का आरोप
आपको बता दें कि, बिहार के गया जिले के कोच थाना क्षेत्र के सोनडीहा गांव के पास देर रात लुटेरों ने प्राइवेट डॉक्टर को पेड़ से बांधकर उसकी पत्नी और बेटी के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया। वहीं पुलिस ने इस मामले में शक के आधार पर 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आरजेडी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा था। फिर पीड़िता ने आरोप लगाया कि राजद नेताओं ने पीड़ित बच्ची को पुलिस वाहन से जबरन उतारकर घटना की जानकारी मीडिया को देने के लिए मजबूर किया था। फिर आरोपी आरजेडी नेताओं के खिलाफ कोंच थाने के एक दरोगा ने मेडिकल कॉलेज थाना में नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी।
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जीतन राम मांझी ने की थी नीतीश के इस्तीफे की मांग
मालूम हो कि इस मामले को लेकर बिहार में जमकर राजनीति हो रही है। बिहार की राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जंगलराज का आरोप लगाया। तो वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार का इस्तीफा तक मांग लिया है.