मां वैष्णों देवी मंदिर में बढ़ते कोरोना मामलों का जिम्मेदार श्राइन बोर्ड?

कौन खेल रहा लोगों की जिंदगियों से..
जम्मू कश्मीर से राजेश विद्यार्थी की रिपोर्ट
मां वैष्णो देवी के दरबार कोरोना के चलते 5 महीनों से बंद मंदिर को आखिरकार 16 अगस्त के दिन भक्तों के लिए खोल दिया गया। भक्तों को लंबे समय से मां के दरबार खुलने का इंतजार था। सरकार ने भी भक्तों को निराश न करते हुए भक्तों को मां के दरबार में जाने की अनुमति दे दी। हालाकि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई सारे नियम बनाये गये हैं।
नए नियमों के मुताबिक पहले हफ्ते में प्रतिदिन 2,000 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर सकेंगे, जिनमें से 1,900 जम्मू-कश्मीर से होंगे और बाकी के 100 लोग अन्य प्रदेशों से होंगे और इस दौरान पुजारी भक्तों को भी टीका नहीं लगा रहे हैं।लेकिन जिस रफ्तार से कोरोना फैल रहा है। उसे देखकर लगता नहीं है कि नियमों का पालन किया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में खास इंतजाम किए गए थे। ताकि लोग कोरोना से दूर रहें। लेकिन इन सबके बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण ने मंदिर में दस्तक दे दी है।
मंदिर को खुले अभी 5 ही दिन हुए हैं। लेकिन इस बीच वैष्णो देवी मंदिर के 4 पुजारी, 4 पुलिसवाले और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। इससे पहले भी रविवार को वैष्णो देवी में 20 कोरोना केस सामने आने की बात आई थी।कुल मिलाकर 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।मंदिर में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच श्राइन बोर्ड के प्रमुख रमेश कुमार की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। खबरों की मानें तो रेड जोन घोषित करने को लेकर श्राइन बोर्ड और जिलायुक्त कार्यालय के बीच तनातनी का माहौल है। क्योंकि जिलायुक्त कार्यालय चाहता है कि, कोरोना वाले इलाकों को रेड जोन घोषित किया जाये तो वहीं श्राइन बोर्ड के प्रमुख रमेश कुमार ऐसा नहीं करना चाहते हैं। जिसको लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है।
आपको बता दें,नियमों के मुताबिक जिस इलाके से 8 या 10 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आते हैं उस इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया जाता है। पर वैष्णो देवी भवन को लेकर खतरा मोल लिया जा रहा है।मंदिर में लगातार बढ़ते मामलों ने कोरोना के नियमों और श्राइन बोर्ड की व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी है। इसके साथ ही खबरे तो यहां तक आ रही हैं कि, श्राइन बोर्ड के प्रमुख रमेश कुमार कोरोना काल में बनाई गई एसओपी का सही तरीके से पालन नहीं करवा पा रहे हैं।
राज्य सरकार ने भक्तों की भक्ति और राजस्व की वजह से मां वैष्णों देवी के दरबार खोल तो दिये हैं। लेकिन मंदिर के कर्ता धर्ता कहे जाने वाले रमेश कुमार कोरोना को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। क्योंकि जिस तरह से मां वैष्णों देवी के दरबार से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। उनसे श्राइव बोर्ड के सीईओ की भूमिका सवाल उठने लगे हैं।
इन्हीं बिगड़ते हालातों को देखते हुए 20 अगस्त को जम्मू कश्मीर के नये उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने मां के दर्शन के साथ-साथ हालातों का जायजा लिया , जिसमे श्री मनोज सिन्हा व्यवस्थाओं से नाखुश नजर आए। श्री सिन्हा माँ के दरबार तक पैदल यात्रा कर दर्शन करने पहुचे जिससे यात्रा पथ का जायजा भी लिया जा सके। उपराज्यपाल श्री सिन्हा के आकस्मिक दौरे के पीछे का कारण कटरा- वैष्णो देवी से आ रही अव्यवस्थाओं की खबरो को भी माना जा रहा ।
लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोरोना को रोकने के लिए उठाये जा रहे कदमों पर श्राइन बोर्ड कोई खास दिलचस्पी दिखाता हुआ नहीं दिख रहा है।जिसका खामियाजा भक्तों को भुगतना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में ऐसे ही कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो मां वैष्णों देवी के दर्शन करना लोगों के किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
उक्त प्रकरण पर सीईओ श्री रमेश कुमार से संपर्क स्थापित करना का कई बार प्रयास किया गया परंतु व फ़ोन पर उपलब्ध नही हो पाए।