जयपुर। एक जमाने में अपने फेम और एक्टिंग के दिग्गज रह चुके फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का कहना है कि मेरा फिल्मी सफर आसान नहीं था, अपनी मेहनत और टैलेंट के बलबूते मैने सफलता हासिल की है। वक्त और हालात ने मेरी बहुत परीक्षा ली लेकिन जनता के प्यार और हौसला अफजाई से मैने करियर में ऊंचा मुकाम पाया है। ऋषि कपूर साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शुक्रवार को अपनी किताब मैं शायर तो नहीं पर आयोजित सेशन में रसेल डायर के साथ चर्चा कर रहे थे। अपनी फिल्मी करियर की यादों का साझा करते हुए उन्होने कहा, मैने अपनी कमजोरियों और गलतियों को कभी छिपया नही और अपनी सभी कमियों को मैने किताब में शेयर भी किया है।
Jaipur Lit. Festival with Gulzar sahab this afternoon! The man whom I have never worked with in my 44 years career. Unbelievable feat! pic.twitter.com/xHnJnnAMBR
— Rishi Kapoor -“Book” (@chintskap) January 20, 2017
इस किताब में मैने मेरी 44 साल की फिल्मी यात्रा का दर्शाया है। शुरुआत के दौर में अमिताभ, धर्मेन्द्र और शशिकपूर जैसे दिग्गजों के बीच अपने आप को टैलेंट, शिद्दत और मेहनत के साथ कैसे स्थापित किया है उसी का खुलासा मैने किताब में किया है। चर्चा के दौरान ऋषि कपूर ने पहली फिल्म मेरा नाम जोकर से लेकर कपूर एंड संस से जुड़े कई किस्से शेयर किए। उन्होंने कहा, पिछले 44 साल में बहुत कुछ बदला। पहले कहानी, किरदार और कटेंट अहम होते थे लेकिन अब डिजिटल युग है। टेक्नोलॉजी बहुत बडा रोल प्ले कर रही है लेकिन ये बात बिल्कुल सही है कि पहले भी जनता फिल्मों को सफल बनाती थी और आज भी हमारा भविष्य जनता के ही हाथ में है।
परिवार को लेकर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि मेरी पत्नी नीतू कपूर का मेरी सफलता के पीछे बड़ा योगदान है। हमने करीब 13-14 फिल्में एक साथ की। जैसी कैमेस्ट्री हमारी फिल्मों में थी वही आज जीवन में है। अपने बेटे रणबीर कपूर के करियर जिक्र करते हुए ऋषि ने कहा कि उन्होंने कभी अपने बेटे के करियर में दखल नहीं दिया क्योंकि मेरे पिता राजकपूर ने भी मुझे फिल्में चुनने की पूरी आजादी दी थी और मैं नही चाहता की रणबीर मेरी सलाह पर अपना भविष्य निर्धारित करे। बाबी फिल्म में पहली बार गाना गाने की चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि बिना गाना सीखे पहली बार फिल्म में गाने से डर लग रहा था, तब मेरे पिता ने नसीयत दी कि किसी की नकल मत करो खुद अपनी छवि बनाओ और तभी से मैं हरदम कुछ नया करने की कोशिश करता रहता हूं। उन्होंने कहा, बाबी की सफलता के बाद मैं आसमा में उडने लग गया था, लेकिन समय ने जमीन में लाकर पटक दिया। उसके बाद मेहनत और टैलेंट से जरिए मैंने अपने करियर को संवारा।