रियो डी जनेरियो। ब्राजील की मेजबानी में चल रहे ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय मुक्केबाजी दल की जर्सी को लेकर बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने आपत्ति जता दी, जिसके बाद रातों-रात भारतीय दल के लिए नई जर्सी की व्यवस्था करनी पड़ी।
पहले वाली जर्सी के पिछले हिस्से पर देश के नाम का उल्लेख न होने को लेकर आईओसी ने आपत्ति जताई थी। मुक्केबाजी के मुख्य कोच जी. एस. संधू ने गुरुवार को बताया, “प्रतिबंधित किए जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता। आखिरकार हमने पहले दिन बिना देश के नाम वाली जर्सी के साथ मुकाबलों में हिस्सा लिया ही।”
आईओसी के नियमों के मुताबिक, ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की जर्सी पर उनके देश का नाम जरूर होना चाहिए।
युवा मामले एवं खेल मंत्री विजय गोयल ने बुधवार की शाम एक बैठक कर अधिकारियों से तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए कहा। इसके बाद भारतीय दल की जर्सी पर रातों-रात स्थानीय कारीगरों से नाम लिखवाए गए।
संधू ने आईएएनएस को बताया, “समस्या हल कर ली गई है, लेकिन यह विवाद अनावश्यक था, क्योंकि हम पहले ही बिना देश के नाम वाली जर्सी के साथ दो मुकाबले खेल चुके थे।”
जर्सी पर नाम न होने की सफाई देते हुए संधू ने बताया कि भारतीय मुक्केबाजी संघ और भारतीय मुक्केबाजों पर इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) का प्रतिबंध लगा हुआ था और भारतीय मुक्केबाजों को ओलम्पिक से पहले हुई कुछ प्रतियोगिताओं में जर्सी पर देश का नाम न रखने के लिए कहा गया था।
संधू ने बताया, “हमें ऐसा लगा था कि हमें उन्हीं नियमों का पालन करना है। हालांकि मंत्री के निर्देश पर समस्या हल कर ली गई।”
भारतीय मुक्केबाज शिवा थापा को बैंटमवेट स्पर्धा के 56 किलोग्राम भारवर्ग में गुरुवार को क्यूबा के रोबीजी रामिरेज के खिलाफ रिंग में उतरना है। उल्लेखनीय है कि भारतीय एमैच्योर मुक्केबाजी महासंघ पर एआईबीए ने 2012 में चुनावों में कथित फर्जीवाड़े के कारण प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध के दौरान भारतीय मुक्केबाजों को स्वतंत्र प्रतिभागी के तौर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में खेलने की इजाजत दी जाती रही।
भारतीय मुक्केबाजी संघ ने उसके बाद फिर से चुनाव करवाए, लेकिन एआईबीए ने उसे स्वीकार नहीं किया। अब ओलम्पिक के बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ के चुनाव फिर से कराए जाएंगे। बुधवार को भारतीय खेमे से जर्सी पर देश का नाम होने को लेकर संधू को अधिकारियों पर चीखते सुना गया। घटना भारतीय मुक्केबाज मनोज कुमार के मुकाबले के बाद की है।
मनोज कुमार लाइट वेल्टरवेट स्पर्धा के 64 किलोग्राम भारवर्ग में अपना पहला मुकाबला जीतने में सफल रहे। उन्होंेने लिथुआनिया के इवालडास पेट्रास्कस को अंकों के आधार पर मात दी। आईओसी की नाराजगी के बाद भारतीय खेमे में अधिकारी प्रतिबंध की आशंका में घिरे रहे। संधू ने कहा, “अगर प्रतिबंध लगने की संभावना होती तो हमारे दो मुक्केबाज इससे पहले भला कैसे दो मुकाबले खेल पाते।”