हरिद्वार। रातोंरात प्रसिद्ध हो जाना और नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित होने से ग्रेटा थुनबर्ग ने दुनिया भर में हलचल मचा दी थी और अब हरिद्वार के छोटे से शहर हिमगिरी कॉलोनी से एक और पर्यावरण को उत्साहित करने वाला कदम उठाने वाली रिधिमा से पूरा उत्तराखण्ड गौरवान्वि है। रिधिमा उन 16 किशोरों में शामिल थीं, जो वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे।
क्लाइमेट एक्शन समिट में भाग लेने के बाद हरिद्वार की रिधिमा पांडे अपने माता-पिता के साथ गुरुवार देर शाम हरिद्वार पहुंची। जब 2013 की आपदा ने केदारनाथ और राज्य के अन्य हिस्सों में कहर बरपाया उस वक्त रिधिमा बेहद चिंतित थी। उसने इससे व्यथित होकर जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी।
11 वर्षीय लड़की रिधिमा के पिता वन विभाग से जुड़े हैं। जब वह नैनीताल से हरिद्वार आई थीं, तो उन्हें कांवड़ मेले के दौरान हरिद्वार में लाखों कांवड़ियों को डमरू बजाते हुए देखा गया था। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर उनके प्रभाव का अध्ययन किया था। उसने वर्षा के कारण विभिन्न स्थानों पर होने वाले परिवर्तनों को भी चिन्हित किया। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान उसने इन सभी कारकों का उल्लेख किया।