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रिपोर्ट में खुलासा, गर्भनिरोधक को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी

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नई दिल्ली। सेक्स को लेकर महिलाओं की सोच पर एक सर्वे के तहत एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते 10 सालों में देश की महिलाओं में सेफ सेक्स को लेकर जागरुकता बढ़ी है। 10 साल पहले जितनी महिलाएं सेफ सेक्स और गर्भनिर्धारण को लेकर जागरूक थी, उनसे 6 गुना ज्यादा महिलाएं आज के दौर में इसे लेकर जागरूक हैं। ये रिपोर्ट साल 2015-16 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 सालों में अविवाहित और सेक्सुअली एक्टिव 15 से 49 साल की महिलाओं में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं 20 से 24 साल की महिलाएं सेफ सेक्स के लिए कॉन्डम का सहारा लेने लगी हैं।

वहीं सर्वे में सामने आया है कि 8 में से सिर्फ तीन पुरुषों का मानना है कि सेफ सेक्स या गर्भनिर्धारण की चिंता बस महिलाओं को ही करनी चाहिए क्योंकि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है। इन आकड़ो को राज्य के हिसाब से देखा जाए तो  गर्भनिरोधक के इस्तेमाल में सबसे आगे पंजाब है। यहां की 76 फीसदी लोग कॉन्डम का इस्तेमाल करते हैं। यहां की 99 फीसदी महिलाएं और पुरुष एक न एक गर्भनिरोधक विधि के बारे में जानते हैं। यहां कि 15-49 साल की अविवाहित महिलाओं में से 34 प्रतिशत महिलाएं गर्भनिरोधक विधि का इस्तेमाल करती हैं और इनमें से 32 प्रतिशत महिलाएं मॉडर्न तरीके अपनाती हैं।garbhnirodhak ke prati jarukta रिपोर्ट में खुलासा, गर्भनिरोधक को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी

देश में मणिपुर और बिहार राज्यों में गर्भनिरोधक को लेकर सबसे कम जागरुकता है। यहां महज 24 प्रतिशत लोग इसका इस्तेमाल करते हैं हालांकि, महिलाओं की बड़ी संख्या अभी भी परंपरागत गर्भनिरोधक विधियों का सहारा लेती है, लेकिन सेक्सुअली एक्टिव अविवाहित महिलाएं मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का सहारा लेती हैं. इनमें- कॉन्डम, नसबंदी, इमरजेंसी पिल्स, डायफ्राम्स और आईयूडी जैसे तरीके अपनाती हैं। लेकिन एक हैरान करने वाली बात यहां ये सामने आई है कि बड़ी संख्या में 25 से 49 साल की उम्र की महिलाएं गर्भधारण से बचने के लिए इमरजेंसी पिल्स या किसी दूसरे तरीके का सहारा लेने के बजाय नसबंदी का सहारा ले रही हैं।

सर्वे के मुताबिक, 25 से 49 साल की अविवाहित महिलाओं में दो-तिहाई महिलाएं परिवार नियोजन की मांग करती हैं और 11 प्रतिशत महिलाएं बच्चों में गैप रखना चाहती हैं और 55 प्रतिशत महिलाएं कम बच्चे पैदा करना चाहती हैं। लेकिन अगर ये सभी महिलाएं परिवार नियोजन के हिसाब से चलेंगी, तो गर्भनिरोधक प्रसार दर 66 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, जो अभी तक बस 54 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि 65 प्रतिशत सिख महिलाओं और बौद्ध या नई-नई बौद्ध धर्म को अपनाने वाली महिलाएं गर्भनिरोधक के मॉडर्न तरीके अपनाती हैं, वहीं मुस्लिम महिलाओं का प्रतिशत बस 38 है।

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