लखनऊ। लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम में खुदरा तथा थोक व्यापार को भी शामिल कर लिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को खुदरा व थोक व्यापार को एमएसएमई का दर्जा मिलने के बाद अब वह सभी लाभ इस क्षेत्र में काम कर रहे व्यापारियों को भी मिल सकेगा।
इस बात की जानकारी बीते दिन एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कर दी थी। इसके बाद लखनऊ के व्यापारियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत खबर संवाददाता से बातचीत करते हुए व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले को झुनझुना बताया है। व्यापारिक संगठनों से जुड़े व्यापारियों ने सरकार से लालफीताशाही पर लगाम लगाने की बात कही है।
व्यापारियों के मुताबिक सरकार तो पॉलिसी बना देती है लेकिन अधिकारी उसको कैसे लेते हैं ओर उसका पालन कैसे करते हैं, यह उनके ऊपर निर्भर करता है।
आरोप तो यहां तक है कि घोषणाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन किस हद तक होता है, यह सभी जानते हैं।
यहां तो लाल फीता शाही चलती है: अमरनाथ मिश्रा
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा सवाल उठाते हुए कहते हैं कि एमएसएमई सेक्टर को बहुत क्या मिल गया है अब तक, जो खुदरा व थोक व्यापार को इस क्षेत्र में शामिल करने से मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने जितनी भी योजनाएं चलाकर बाजार को राहत देने की कोशिश की है, उससे बाजार में कोई बढ़ोतरी देखने को नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन लालफीताशाही उसको किस तरह अडॉप्ट करती है यह उसके ऊपर निर्भर करता है।
व्यापारियों का बढ़ेगा उत्पीड़न: राजेश सोनी
आदर्श व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश सोनी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई का दर्जा मिलने के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा है कि व्यापारियों को इससे लाभ तो कोई नहीं मिलेगा, बल्कि उनका उत्पीड़न और बढ़ जाएगा। उन्होंने इससे पहले कई योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार ने योजनाएं चलाई तो थी व्यापार तथा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए। लेकिन वह सिर्फ कागजी साबित हुई, उन योजनाओं में भी हमें फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ।
उन्होंने कहा कि किसी भी योजना से व्यापारी को लाभ उठाने में इतनी कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है कि पूरा समय उसका उसी में बर्बाद हो जाता है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के साथ प्रक्रिया को भी आसान व व्यावहारिक होना चाहिए, तभी उसका लाभ व्यापार को मिल सकेगा।