नई दिल्ली। जब आपातकाल लगा उस वक्त सारे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, और उसका परिणाम यह हुआ कि सारा जनमानस इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ हो गया था। सबके मन में कांग्रेस के प्रति हीन भावना उत्पन्न हो गई थी। इसका खामियाजा यह हुआ कि 1977 में जब आपातकाल हटा तो कांग्रेस को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा। जनमानस कांग्रेस के विरुद्ध खड़ा था और उस उस तीसरे मोर्चे के साथ जिसने आपातकाल का विरोध किया था ।
बता दें कि सारे लोग कांग्रेस को बायकॉट करना चाहते थे और कांग्रेस के इस गलत नीति के परिणाम स्वरुप उसे सत्ता से हटाना चाहते थे । हुआ भी वही 1977 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस हार गई । यहां तक की इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी को भी अपने अपने सीट से हार का स्वाद चखना पड़ा। यह सब कुछ गलत फैसले की चलते हुआ जो इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को लिया था। आपातकाल जनमानस में बेहद खौफनाक दृश्य पैदा कर चुका था, जिसके चलते इंदिरा और कांग्रेस लोगों के नजर में गिर गए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।