नई दिल्ली। देश में आए दिन बैंके के द्वारा घोटाले करने खबरे सुनने को मिल ही जाती है। जिसके चलते आए दिन आरबीआई की तलवार किसी न किसी बैंक की गर्दन पर लगी रहती है। बैंके के द्वारा घोटाला करने का मामला अब ज्यादा ही आने लगा है। ऐसा ही कुछ पीएमसी बैंक में हुआ है। घोटाले की वजह से संकट में फंसे PMC बैंक पर पाबंदी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है। आरबीआई ने पाबंदी बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि बैंक के पुनर्गठन और इसमें हिस्सेदारी के लिए अब तक चार एक्स्प्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी EOI मिले हैं। हालांकि, आरबीआई ने यह जानकारी नहीं दी है कि आखिर किन कंपनियों के EOI मिले हैं। स्कैम में फंसने के बाद आरबीआई की जांच में बैंक के कई सीनियर कर्मचारी शामिल पाए गए थे। इसके बाद आरबीआई ने सितंबर 2019 में बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी और बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था।
बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं-
बता दें कि बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। इसके साथ बैंक ने कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए भारी लोन की सही जानकारी नहीं दी थी। इसमें भी घोटाले के आरोप थे। आरबीआई ने 20 जून को जमाकर्ताओं के लिए कैश निकालने की सीमा पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी थी। हालांकि, घोटाले का शिकार बने इस सहकारी बैंक पर नियामकीय अंकुश छह महीने के लिए बढ़ाकर 22 दिसंबर, 2020 तक कर दिया था। पीएमसी ने नियमों का उल्लंघन कर एचडीआईएल ग्रुप को 6500 करोड़ रुपये का लोन दिया था जो सितंबर 2019 में बैंक के कुल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपये का का 73 फीसदी था। मार्च, 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपये था। घोटाला उजागर होने के बाद पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया था।