नई दिल्ली। पत्रकारों के दुर्दिन और बेइज्जती की इंतहां हो गई है, आजकल सरकार ने पत्रकारों को अपना भोंपू बना लिया है। विपक्षियों की तरह सवाल खड़ा किया तो सरकारी एजेंसियां गुर्राने लगती हैं और शांत रहे तो आपके सामने ही जनता का चीरहरण होता देखना मजबूरी बन जाती है।
कुछ ऐसा ही एक वाकया सामने आया है रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण का, दरअसल निर्मला ने अपने दफ्तर में पत्रकारों की एंट्री पर परमानेंट बैन लगा दिया है। यही नहीं मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी अब अपांइन्टमेंट लिए बिना कार्यालय में दाखिल नहीं होने दिया जाता।
नाराजगी तो लगातार चल रही है लेकिन कोई भी पत्रकार खुलकर विरोध करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। अब सवाल यह है कि आपकी आवाजों को धीरे-धीरे बेअसर करने की कवायद जारी हो गई है और अब आपको कुछ समय में यह आदत पड़ जाएगी।
नियम बनाया गया है बैन नहीं है: सीतारमण
इस सम्बंध में हालाकि निर्मला सीतारमण ने बयान जारी कहा कि पत्रकारों को कार्यालय में आने पर एक पक्रिया जारी की गई है बैन नहीं लगाया गया है। लेकिन सबसे सरल भाषा में कहें तो यह बात माननी पड़ेगी कि पत्रकारों को मैनेज करने में भाजपा हर प्रकार का बल इस्तेमाल कर रही है।