पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रेश्वर वर्मा से फोन पर ‘राजनीतिक मुद्दों’ पर बातचीत होने की बात स्वीकार करने के कुछ ही घंटे के बाद मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद मंजू वर्मा ने कई सवाल उठाये। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि किसी रसूखदार को बचाने के लिए उन्होंने उनके पति को निशाना बनाया। मंजू वर्मा ने इस्तीफा सौंपने के कुछ देर बाद स्पष्ट किया कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री के कहने पर नहीं, इसको लेकर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव तथा मीडिया द्वारा ‘हायतौबा’ मचाने पर दिया है।
तेजस्वी यादव पर लगाये ये आरोप
25 जुलाई को जब बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने वहां का दौरा किया, तो साजिश के तहत उनके पति पर बेबुनियाद आरोप लगाया गया, जिसका न तो कोई साक्ष्य है, न ही कोई आधार। मैंने मंत्री पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री के कहने पर नहीं, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव तथा मीडिया द्वारा इसको लेकर ‘हायतौबा’ मचाये जाने पर दिया है। सीडीआर की बात की जा रही है, लेकिन एक सामाजिक और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के नाते हर किसी का फोन रिसीव करना मेरा फर्ज है।
वहीं मैं अदालत से गुहार लगाती हूं कि ब्रजेश ठाकुर के फोन की उक्त सीडीआर को ‘पब्लिक डोमेन’ में लाया जाये, ताकि यह पता चले कि मेरे पति के अलावा उसकी अन्य किन लोगों की बातें हुई थी। अगर ब्रजेश ठाकुर से केवल फोन पर बात करने से मेरे पति को दोषी ठहराया जा सकता है, तो ऐसे में वे सभी लोग, जिन्होंने उससे फोन पर बात की, वे भी दोषी हैं।
साथ ही ऐसा लगता है कि किसी रसूखदार को बचाने के लिए प्रतिपक्ष के नेता ने मुझे निशाना बनाया। मुझे सीबीआइ और अदालत पर पूरा भरोसा है। मैं डंके की चोट पर कहती हूं कि मेरे पति निर्दोष हैं और उनके निर्दोष साबित होने पर उक्त महिला, जिसने मेरे पति पर आरोप लगाया था, उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगी।