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पीजीआई में आरक्षित बेड भी फुल, कर्मचारी की पत्नी को नहीं मिला इलाज

SGPGI Lucknow पीजीआई में आरक्षित बेड भी फुल, कर्मचारी की पत्नी को नहीं मिला इलाज

लखनऊ। राजधानी के संजय गांधी पीजीआई में कर्मचारियों की मांग पर संस्थान ने आरसीएच-2 में 18 बेड आरक्षित किए गए थे। लेकिन, वे भी भर गए हैं। कर्मचारियों और उनके परिवार के इलाज पर एक बार फिर संकट गहरा गया है।

इस संबंध में बुधवार को संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार ने निदेशक और सीएमएस को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि संस्थान कर्मचारियों और उनके आश्रितों के भर्ती के लिए आरसीएच 2 में 18 बेड आरक्षित किए गए थे। कर्मचारी महासंघ उसके लिए आपका आभार प्रकट करता है। लेकिन ये बेड भी अब फुल हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि मंगलवार की रात में रजनीश श्रीवास्तव जो कि टेक्निकल ऑफीसर डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। उनको भर्ती करने की जरूरत है। इस संबंध में संबंधित जिम्मेदारों को अवगत करा दिया गया। लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

धर्मेश कुमार ने कहा कि इस संबंध में कर्मचारी महासंघ द्वारा तुरंत आरसीएच 2 इंचार्ज डॉ अमित रस्तोगी से बात की। उन्होंने कहा कि सारे बेड भरे हुए हैं। उसके बाद हमने आरसीएच ट्रामा इंचार्ज डॉ आर के सिंह को फोन किया, उन्होंने भी कहा कि आरसीएच ट्रामा में भी कोई भी बेड खाली नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनको आरसीएच ट्रॉमा टी-3 भेजो, वहां पर बात करते हैं।

महामंत्री ने बताया कि रजनीश अपनी पत्नी को लेकर टी-3 मरीज पहुंचे, लेकिन वहां पर भी कोई भी बात करने को तैयार नहीं था। रजनीश ने हमको बताया कि कोई सही से बात नहीं कर रहा है। फिर हमने करीब 12 बजे रात में टी-3 के इंचार्ज डॉ अमित सिंह से फोन पर बात की। उनके द्वारा भी कोई भी बेड खाली नहीं होने की बात कही। उसके बाद रजनीश थक हारकर अपनी वाइफ को लेकर घर वापस चले गए।

वीआईपी को प्राथमिकता देने का आरोप

कर्मचारी महासंघ ने आरोप लगाया है कि वीआईपी मरीजों को संस्थान में तुरंत भर्ती कर लिया जाता है। लेकिन संस्थान कर्मचारियों से कोई बात करने के लिए भी तैयार नहीं होता है। यह बहुत ही गलत बात है।

आरसीएच-2 के सभी बेड शुरू किए जाएं

संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ ने मांग की है कि आरसीएच-2 में अभी केवल 18 बेड फंक्शनल है। आरसीएच 2 के शेष बचे सभी बेड को तुरंत फंक्शनल करते हुए संस्थान कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए आरक्षित किया जाए। जिससे संस्थान कर्मचारियों और उनके आश्रितों को आरसीएच 2 में भर्ती किया जा सके और उनको तुरंत इलाज प्राप्त हो सके।

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