यंगून। म्यांमार की सेना का कहना है कि हिंसा प्रभावित रखायन प्रांत में बीते रविवार 28 हिंदुओं की कब्र मिली है। जिनमें महिलाओं समेत बच्चे भी शामिल हैं। आर्मी का कहना है कि इसके लिए रोहिंग्य मुस्लिम जिम्मेदार हैं। म्यांमार सेना का कहना है कि हजारों हिंदू अपनी जगह छोड़कर भाग गए हैं। क्योंकि उन्हें रोहिंग्या आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि साफ तौर पर ये अभी साबित नहीं हुआ है कि इसमें कितनी सच्चाई है।
वहीं सुरक्षा कर्मियों को 28 हिंदुओं के शव मिलने की खबर सेना प्रमुख की वेबसाइट पोस्ट पर मिली है। कहा जा रहा है कि उन 28 हिंदुओं का कत्ल एआरएसए अतिवादी बंगाली आतंकवादियों द्वारा किया गया। रोहिंग्यो के साथ हो रही हिंसा की असली वजह है कि अराकन रोहिंग्या सेलवेशन आर्मी (एआरएसए) समूह ने पुलिस चौकियों पर हमले किये जिसके बाद सेना इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर हो गई कि उन्हें रोहिंग्य मुस्लिमों को म्यांमार से निकालना पड़ा। वहीं संयुक्त राष्ट्र का मानना है मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जातीय सफाया हुआ।
बता दें कि 430000 लाख रोहिंग्या मुस्लिम अब तक भाग कर बांग्लादेश चले गए हैं और इलाके में रहने वाले 30000 लोगों में हिंदू और बैद्ध भी गए हैं। जिनमें से कुछ लोगों की कहना है कि उनको रोहिंग्यों द्वारा डराया धमकाया गया था। सेना का कहना है कि सुरक्षा अधिकारियों को कब्रों में 20 महिलाओं और आठ पुरुषों के शव मिले जिसमें छह लड़कों की उम्र दस साल से कम थी। म्यांमार सरकार के प्रवक्ता जाव ह्ते ने बीते रविवार को 28 शव मिलने की पुष्टि की। वहीं उत्तरी रखायन में पुलिस का कहना है कि उन्होंने हर जगह पर 10 से 15 शवों को दफनाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इलाके में रह रहे हिंदुओं का कहना है कि 25 अगस्त को उनके इलाके में आतंकवादी घुस आए थे और बीच में आने वाले कई लोगों को उन आतंकियों ने मौत के घात उतार दिया और बचे हुए लोगों को अपने साथ जंगल ले गए।