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Vasant Panchami: कब है वसंत पंचमी? जानें इस दिन मां सरस्वती की पूजा का क्या है महत्व और पौराणिक कथा

vasant panchmi Vasant Panchami: कब है वसंत पंचमी? जानें इस दिन मां सरस्वती की पूजा का क्या है महत्व और पौराणिक कथा

इस साल सरस्वती पूजा यानी वसंत पंचमी का त्यौहार 5 फरवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा। हर साल के त्यौहार माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस त्यौहार को बसंत के आगमन के रूप में मनाया जाता है। ज्ञान, बुद्धि, वीणा, वेद, की देवी माँ शारदा की इस विधि विधान से पूजा की जाती है। मां सरस्वती को मंत्र, जाप, आरती, सरस्वती वंदना के साथ प्रसन्न किया जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। ऐसे में वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की कथा का श्रवण एवं पाठन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मां संतोषी प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानते हैं मां शारदे की व्रत कथा के बारे में।

वसंत पंचमी कथा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक ब्रह्मा जी को सृष्टि की रचना और भगवान विष्णु को पालनहार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को मनुष्य योनि के निर्माण का सुझाव दिया और भगवान ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि बना दी। इस प्रकार पूरी सृष्टि का निर्माण हुआ। 

सृष्टि के निर्माण करने के बाद 1 दिन भगवान ब्रह्मा पृथ्वी पर वितरण करने पहुंचे। जहां उन्होंने अपने द्वारा निर्मित जीवो को देखा और इसे देख प्रसन्न होने लगे। हालांकि कुछ समय बाद इस बात का एहसास हुआ कि पृथ्वी पर हर ओर शांति और सन्नाटा छाया हुआ है। 

तब ब्रह्माजी ने वीणा, ज्ञान, कला की देवी का विचार किया। और अपने कमंडल से जल निकाल देवी का आवाहन करते हुए पृथ्वी पर छिड़क दिया। इसके प्रभाव से मां सरस्वती कमल आसन पर विराजमान होकर प्रकट हुई। चार भुजाओं वाली मां सरस्वती के हाथों में पुस्तक, वीणा, माला धारण किए हुए आशीर्वाद दे रही थी। और ब्रह्मा जी ने उनको देवी सरस्वती के नाम से पुकारा। इस प्रकार धरती पर अवतरित हुई इस देवी का नाम मां सरस्वती पड़ गया।

ब्रह्मा जी ने उन्हें बताया कि इस सृष्टि पर आपका अवतरण जीवो को वीणा, ज्ञान, बुद्धि देने के लिए हुआ है। तब मां सरस्वती ने अपनी वीणा के तार से मधुर संगीत उत्पन्न गया। जिससे जीवो को वाणी मिली और धरती के सभी जीव स्वर में बोलने लगे। 

क्यों मनाते हैं सरस्वती पूजा

धरती पर मां सरस्वती का “माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर हुआ था यही वजह है कि इस तिथि को हर वर्ष वसंत पंचमी के रूप में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती के अनेकों नाम मां शारदा, भगवती, वीणावादिनी, बागीश्वरी। मां सरस्वती को पीला रंग अति प्रिय है। इसीलिए वसंत पंचमी पर पूजा में पीले वस्त्र चढ़े, पीले फूल, पीले रंग की मिठाई एवं पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। 

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