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मां चंद्रघंटा को समर्पित नवरात्र का तीसरा दिन, जानें देवी दुर्गा के इस स्वरुप का महत्व, भोग और पूजा विधि

इस बार 13 अप्रैल से शुरू हो रही नवरात्रि, माता के इन स्वरूपों के कर लें दर्शन

चैत्र नवरात्र चल रहे है. पूरे चैत्र नवरात्र मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है आज नवरात्र का तीसरा दिन है। नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाली देवी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए इस देवी ने हाथ में त्रिशूल, तलवार, गदा धारण किया है। मां चंद्रघंटा की मस्तिष्क पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है। जिसकी वजह से देवी दुर्गा के स्वरूप को भक्त मां चंद्रघंटा कहते हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

नवरात्र के तीसरे दिन विधि विधान के साथ माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की जाती है मां चंद्रघंटा की आराधना के वक्त उं देवी चंद्रघंटायै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, धूप, पुष्प अर्पित करें।

मां चंद्रघंटा को क्या लगाएं भोग

मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन मां चंद्रघंटा को भोग लगाने के साथ जरूरतमंद लोगों को दान देना शुभ माना जाता है। इस दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को ऐश्वर्य समृद्धि के साथ खुशी दांपत्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती है।

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