लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में स्थानान्तरण योजना पर फिलहाल पूर्ण विराम लगा दिया गया है। अब जबरन किसी डाक्टर,फार्मासिस्ट अथवा नर्स का स्थानान्तरण नहीं होने की बात बतायी जा रही है। इस बात की जानकारी चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री से हुयी बैठक के बाद दी।
दरअसल,रविवार को चिकित्सा महासंघ का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद तथा महानिदेशक डॉ डी एस नेगी के साथ बैठक कर मौजूदा स्थानतरण नीति पर चर्चा की,जिसके बाद 7 साल 10 साल 15 साल एक शहर में गुजारने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानातरण करने की योजना पर पूर्ण विराम लगा दिया गया।
बताया जा रहा है कि अब स्वास्थ्यकर्मियों के स्वयं के अनुरोध पर तबादला होगा। इसके अलावा पदोन्नति के बाद समायोजन भी किए जाएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम का 5 सूत्रीय मागों का मागंपत्र महासंघ द्वारा स्वास्थ्य मत्री को भी सौंपा गया ।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की तरफ से कहा गया कि यूनियन के लोग जिनको जिनको कोविड काल में मरणोपरांत 50 लाख रुपए बीमा की राशि नहीं मिली है उनकी शिकायत हमारे पास तक तुरंत उपलब्ध कराएं, हम उसको जल्द से जल्द दिलवाने की कोशिश करेंगे साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं उनको भी यूनियन के लोगों को चाहिए इस साल में कम से दो बार फरवरी और अगस्त में बैठक कर उनको जो परेशानी आ रही हो,उसकी भी जानकारी हम तक पहुंचायें।