अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर दिल दहला देने वाले मामले सामने आ रहे थे। लेकिन 2 महीने के बाद दिल्ली में कोरोना को लेकर राहत भरी खबर सुनने को मिली है।
नई दिल्ली। अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर दिल दहला देने वाले मामले सामने आ रहे थे। लेकिन 2 महीने के बाद दिल्ली में कोरोना को लेकर राहत भरी खबर सुनने को मिली है। राजधानी में कोरोना के मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है। वहीं रिकवरी रेट 88 फीसदी से ज्यादा हो गया है। लेकिन महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
बता दें कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में केवल 613 कोरोना मामले सामने आए हैं। बीते 2 महीनों में ये सबसे कम आने वाले मामले है। वहीं इन्हीं 24 घंटों में करीब 1500 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली की सुधरती हालत को लेकर दिल्लीवासियों को लेकर बधाई दी है। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में ठीक होने वालों की दर 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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वहीं दिल्ली सरकार ने कोरोना बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में कुल 613 मरीज सामने आए हैं। इसी दौरान 1497 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। 24 घंटे के दौरान ही दिल्ली में 26 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई। दिल्ली में अब तक 3853 व्यक्ति कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,31,219 व्यक्तियों को कोरोना हुआ। इनमें से 1,16,372 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में फिलहाल 10,994 एक्टिव कोरोना रोगी है। इनमें से 6638 कोरोना रोगियों का उपचार उनके घरों पर ही चल रहा है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज अगर दिल्ली के हालात सुधर रहे हैं तो इसमें दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की मेहनत और सूझबूझ का नतीजा है। आज दिल्ली के सुधरे हुए हालातों की चर्चा पुरी दुनिया में की जा रही है। दिल्ली में कुल 2 से 3 फीसदी लोगों ने कोरोना से जान गवाई है। केजरीवाल ने कहा कि जून के महीने में कोरोना के मामले में दिल्ली दूसरे नंबर पर थी और दिल्ली का 10वां नंबर है। हमने स्थिति को लेकर विषेशज्ञों से बात की और हालातों को संभाला।
हमने बिना दोबारा लॉकडाउन लगाए बिना ही हालातों को अपने काबू में कर लिया जबकि आज भी सुनने में आता है कि कई राज्य अभी भी लॉकडाउन लगा रहे हैं। सीएम केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में 15,475 बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। इनमें से 2856 बेड उपयोग में है, जबकि 12,619 बेड विभिन्न अस्पतालों में रिक्त पड़े हैं।